गंगापुर – साध्वी उज्जवल प्रभा श्रमण वह होता है जो समता की साधना करता है परंतु जो शील संपन्न हो विनम्र हो तथा जिनके हृदय में करुणा का सागर हिलोरे लेता हो, ज्ञान के प्रति निष्ठा बेजोड़ हो, हर शब्द की सूक्ष्मता पर पैनी निगाह हो, जिसका ज्ञान के प्रति जागरूकता वह अप्रमत्ता सिद्ध हो. ज्ञान का गहन चिंतन व अनुचिंतन कर सटीक समाधान प्रस्तुत करें वही महा श्रमण कहलाते हैं। उक्त विचार साध्वी उजवलप्रभा ने आचार्य महाश्रमण दीक्षा दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में उपस्थित धर्म सभा को संबोधित करते हुए स्थानीय कालू कल्याण कुंज में व्यक्त किये। साध्वी अनुप्रेक्षा ने अपने वक्तव्य में कहा कि अनुपम आभा मंडल युक्त आचार्य महाश्रमण का बाह्हेय व्यक्तित्व प्रभावशाली है उससे कहीं अधिक प्रभावशाली अंतर व्यक्तित्व है। शांति, लोक कल्याण, परमार्थ की चेतना, लोकहित चिंतन, सहजता, सरलता, स्पष्टता हर समय दृष्टिगत होती हो, करुणा का निर्झर सदा प्रवाह मान हो ऐसे महापुरुष और ऐसे आचार्य को प्राप्त कर भला कौन गौरवान्वित नहीं होगा ।
अपने संबोधन में तेरापंथ सभा के मंत्री रमेश हिरण ने कहा कि जिन पर दो-दो आचार्य का वरहदहस्त और अनुकंपा प्राप्त हो, जिनके कठोर संरक्षण अनुशासन में जिनका निर्माण हुआ हो भला व व्यक्तिकिस क्षेत्र में कमतर हो सकता है।
कार्यक्रम का संयोजन करते हुए साध्वी प्रबोधयशा ने महाश्रमण दीक्षा दिवस जो युवा दिवस के रूप में मनाए जाने की व्याख्या की तथा कहा कि युवा वह होता है जिसमें नई ऊर्जा, नई उम्मीद, नया जोश में भरपूर साहस का समावेश हो। इसी कार्यक्रम में स्थानीय ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा जय जय महाश्रमण तथा महिला मंडल की सदस्याओ द्वारा प्रभावी रूपक प्रस्तुत किया गया।
इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में साध्वी सन्मति प्रभा ऐश्वर्या मेहता अणुव्रत संयोजिका का प्रीति रांका महासभा सदस्य घेवर बाबेल, नेमीचंद भंडारी, तथा तेयूप अध्यक्ष लविश रांका ने वक्तव्य, गीतिका व कविता के माध्यम से आचार्य महाश्रमण की अभिवन्दना की। मंगल पाठ व जयघोष से कार्यक्रम संपन्न हुआ।