स्मार्ट हलचल|कस्बे की जनता को ग्रीन और क्लीन सिटी के सपने दिखाए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि यहां गली-मोहल्ले अवैध बूचड़खाने बनते जा रहे हैं और सड़कों किनारे अवैध रूप से मांस की दुकानें खुली हुई हैं। इनके पास मीट की दुकान खोलने का लाइसेंस भी नहीं है। रिहायशी क्षेत्रों व मुख्य मार्ग पर पशुओं के कत्लगाह खुलने से लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। स्थानीय लोगो की पीड़ा यह है, कि उनकी सुनवाई कहीं भी नहीं हो रही है। राठ मंच के अध्यक्ष मनोज मुद्गल एडवोकेट ने बताया कि नीमराना कस्बे के मुख्य मार्ग से लेकर लगभग हर गली मोहल्ला में खुली हुई है अवैध मांस की दुकानें स्थानीय लोग इनको बंद कराने के लिए लोग नगर निकाय, थाने व खाद्य विभाग से कई बार शिकायत भी कर चुके हैं। लेकिन कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई है।
जगह जगह खोखो और गुमटियों में बेच रहे मटन
पशुवध से निकलने वाला अपशिष्ट पदार्थ दुकानदार सड़क किनारे फेंक देते हैं। इससे आती दुर्गंध से स्थानीय लोगों का जीना दूभर हो रहा है।