मुकेश खटीक
मंगरोप।मंगरोप सीनियर स्कूल की प्रधानाचार्या कल्पना कुर्मी ने 9वीं कक्षा के 24 छात्रों को 16 मई से तीन दिन पहले शैक्षणिक भ्रमण पर भेजा।उसी दिन से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही थीं।छात्रों को भीलवाड़ा की सरस डेयरी और अन्य औद्योगिक इकाइयों में ले जाया गया।भ्रमण के दौरान तापमान काफी अधिक था।प्रधानाचार्या ने इस यात्रा के लिए उच्च विभागीय अधिकारियों से कोई अनुमति नहीं ली।जिला शिक्षा अधिकारी रामेश्वर लाल जीनगर ने कहा कि इस समय किसी भी प्रकार की शैक्षणिक यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है।उन्होंने स्पष्ट किया कि गर्मी के मौसम में ऐसी यात्राएं संभव नहीं हैं।छात्रों को दो जीपों में बैठाकर भेजा गया।उनके साथ स्कूल के तीन अध्यापक पवन पारीक,शंकरलाल खटीक और विक्रम भी गए।नियम के अनुसार हर कार्यक्रम में दो ही अध्यापक तय होते हैं,लेकिन इस भ्रमण में तीन अध्यापक भेजे गए। इस पर भी सवाल उठ रहे हैं।सरस डेयरी जैसे बड़े उद्योग में छात्रों को क्या शैक्षणिक लाभ मिला,यह भी सवाल बना हुआ है।आरोप लग रहे हैं कि प्रधानाचार्या ने अपने बजट को पूरा करने के लिए यह भ्रमण कराया।गर्मी में बच्चों को बाहर भेजना उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ माना जा रहा है।साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश की भी अनदेखी की गई।इस पूरे मामले में जब प्रधानाचार्या से पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। स्कूल के अध्यापक पवन पारीक ने प्रधानाचार्या का बचाव करते हुए भ्रमण की जानकारी दी।