—>कस्बे में जगह-जगह कचरे ढेर, दुर्गंध से निकलना हुआ मुश्किल।
—>नगर फोर्ट आदर्श ग्राम पंचायत नाम का दिखावा।
महेंद्र कुमार सैनी
स्मार्ट हलचल/नगर फोर्ट ग्राम पंचायत सफाई जिम्मेदारी को तरीके से निभा पाने में में नाकाम साबित हो रही है। हाल ये है कि कस्बे में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। लेकिन पंचायत प्रशासन को यह नजर नहीं आ रहा है। सफाई के नाम पर लीपापोती का खेल चल रहा है। सफाई का हाल ये है कि शिकायत होने पर सफाई कर्मी अचानक सडक़ पर दिखाई देते है लेकिन फिर ये नदारद हो जाते हैं। सफाई नहीं होने से स्थानीय लोगों में पंचायत प्रशासन के खिलाफ रोष बना हुआ है। बता दें कि बिते 4 वर्षो में नाला व नालियों की सफाई को लेकर जिला प्रमुख स्वरोज बंसल, पूर्व तहसीलदार दशरथ सिंह मीणा सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता आरके सिंह मौखा देखकर आवश्यक स्थानो पर शेष रही नालियों व नालो को शीघ्र बनवाने के निर्देश दिए थे। जिसकी पालना में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता आरके सिंह अपने विभाग के अधीनस्थ अधिकारी अधिशासी अभियंता खंड उनियारा भगवान सिंह मीणा सहायक अभियंता खंड उनियारा अनिल वर्मा तथा ठेकेदार के प्रतिनिधि को साथ लेकर जिला प्रमुख प्रतिनिधि पूर्व जिला परिषद सदस्य नरेश बंसल सहित नगर फोर्ट कस्बे में सीसी रोड के दोनों और बनी नाले व नालियों का मुहाना किया था जहां पर नाले व नालिया बनाने का स्थान मेंन बस स्टैंड, हरिजन बस्ती बेरवा मोहल्ला, वार्ड नंबर 10, 11 सहकारी समिति एरिया हाई सेकेंडरी चौराया, पुराने हॉस्पिटल के पास पंचकुइया चौराहा व धाभाई मैरिज गार्डन के पास अधूरी रही नालियों तथा नई नालिया बनाने के लिए स्थान चिन्हित कर शीघ्र ही नाले व नालियां बनाने के दिशा-निर्देश दे चुके हैं लेकिन इसके बाद अधिकारियों ने खास ध्यान नहीं दिया है।जानकारी के अनुसार पंचायत स्तर पर हर वर्ष लगभग 10 से 12 लाख रुपए सफाई के नाम पर खर्चा करती है। लेकिन इतनी बढ़ी राशि खर्च करने के बाद उसका जमीनी स्तर पर असर नजर नहीं आ रहा है। लोगों का आरोप है कि संबंधित फर्म कागजों में सफाई कर रही है। जमीन पर कुछ नजर नहीं आ रहा है। वहीं पंचायत प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधकर बैठा है।
शोर होने पर चलने लगता है झाडू
बता दें कि कस्बे में सफाई को लेकर शिकायत होने और लोगों की नाराजगी जताने के बाद सडक़ों पर एक-दो दिन झाडू नजर आता है। लेकिन इसके बाद स्थिति जस की तस हो जाती है। सफाई कर्मी किस-किस इलाके में कब-कब सफाई कर रहे हैं इसको लेकर कोई मॉनीटरिंग नहीं है। उधर, दिखावे के लिए दिन व रात में भी झाडू लगवा दी जाती है। ये केवल शोर मचने पर होता है।
सडक़ किनारे गंदगी के अम्बार
कस्बे में कई स्थानों पर सडक़ किनारे गंदगी पड़ी हुई है। कई दिनों तक कचरा नहीं उठने से इसमें से सडांध आने लगती है। जिससे बीमारी फैलने की भी आशंका बनी हुई है। कस्बे के हाई सेकेंडरी चौराया, पंचकुइया चौराया, पुराना हॉस्पिटल हताई मोहल्ला, बैरवा मोहल्ला इत्यादि जगहों पर कचरे के ढेर लगे देखे जा सकते हैं। ऐसा नहीं कि इसके बारे में लोग शिकायत नहीं करते लेकिन संबंधित अधिकारी कोई ध्यान नहीं देते हैं। जिससे लोग परेशान हैं। नगर फोर्ट पंचायत का की कोई धणीधोरी नहीं है। ठेकेदार केवल कागजों में सफाई करवा रहा है। बस्ती में जगह-जगह कचरे के ढेर एकत्र हो रहे हैं। सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। पंचायत प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।
जब भी हम अपने गांव से नगर फोर्ट हट बाजार में सामान खरीदने जाते हैं तो कस्बे में हर तरफ गंदगी नजर आती है। सुना है की पंचायत में सालाना लाखों रुपये का फंड आता है। लेकिल इसके बाद भी सफाई नहीं दिखाई देती। इससे तो गांव बेहतर हैं।
– भंवरलाल सैनी, ग्रामीण
हाई सेकेंडरी चौराहा पुराना हॉस्पिटल पर गंदगी की इतनी दुर्गंध रहती है कि लोगों का खड़ा होना मुश्किल है। गंदे नालियों का पानी सड़क पर जमा होने से स्कूल के बच्चे व ग्रामीण गंदे पानी में होकर निकलना पड़ता है। पंचायत प्रशासन व अधिकारियों का नहीं है ध्यान
– स्थानीय ग्रामीण जितेंद्र कुमार साहू