दो साल पहले भी हुई ऐसी घटना, जिम्मेदारों बने मुखदर्शक।
ओम जैन
शंभूपुरा।स्मार्ट हलचल|पंचायत समिति चित्तौड़गढ़ की ग्राम पंचायत गिलूंड के गांव भाटियों का खेड़ा में एक बार फिर बड़ा हादसा होने से बच गया नही तो जनहानि हो सकती थी ओर अगर ऐसा होता तो यह जिले का सबसे बड़ा और भयावक हादसा होता।
जानकारी में सामने आया कि भाटियों का खेड़ा में एक ही आंगनवाड़ी केंद्र जो वर्षो से अपने भवन का इंतजार कर रहा है, पिछले 10 साल से यह स्थानीय राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के एक कमरे में चल रहा, जो पिछले 2-3 साल से झर्झर हालात में है, जहाँ पूर्व में भी एक ऐसी ही घटना हुई जिसमें छत का प्लास्टर गिर गया था जिसके बाद ग्राम पंचायत को लिखित में देकर इसकी रिपेयरिंग करवाने की मांग कि ताकि भविष्य में ऐसा कोई हादसा ना हो लेकिन दो साल में भी गिलूंड पंचायत के सरपंच सचिव की कुम्भकर्णी नींद नही उड़ी जिसके चलते ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना पुनः हुई, लेकिन गनीमत रही कि यह घटना सुबह नही होकर बुधवार को रात्रि में हुई जिसमें छत का अधिकांश हिस्से का प्लास्टर गिर जाने से केंद्र के अंदर रखे टेबल, अलमारी सहित कई सामान क्षतिग्रस्त हो गया, अगर यही घटना सुबह हुई होती तो केंद्र पर आने वाले 17 मासूम बच्चे सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व स्टाप पर जान पर बन सकती थी, इस घटना के दोहरीकरण के बाद समस्त ग्राम वासियो में ग्राम पंचायत के प्रति खासा रोष है।
जिम्मदारो की लापरवाही से दो साल में दूसरी घटना
इसी केंद्र पर पिछली घटना 9 फरवरी 2023 को हुई उस समय भी छत से प्लास्टर गिर जाने के बाद बच्चो को सुरक्षित स्थान पर बिठाने लगे एवं इस मामले में ग्राम पंचायत गिलूंड को लिखित में देकर छत रिपेयरिंग कि मांग कि लेकिन करीब 2 साल गुजर जाने के बाद भी ग्राम पंचायत से कोई भी वहाँ स्थिति देखने तक नही गया ना ही मामले का संज्ञान लेकर कोई कार्य करवाया गया जिसके चलते यह दुर्भाग्यपूर्ण पूर्ण घटना फिर से घटित हुई, स्टाफ ओर ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत अगर समय रहते संज्ञान ले लेती तो ऐसे हालात दोबारा नही आते लेकिन इनकी लापरवाही का बड़ा खामयाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ सकता था।
घटना सुबह होती तो जिले का सबसे बड़ा और दुर्भाग्यपूर्ण हादसा होता
जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से कितने लापरवाह हो सकते वो इस घटना से पता चल जाता है, ग्रामीणों ने बताया कि यही घटना बुधवार रात्रि की जगह बुधवार या गुरुवार सुबह होती तो यहाँ आने वाले 17 मासूम बच्चों सहित स्टाप के साथ जनहानि की भयावक घटना हो सकती थी और यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा जिले का सबसे बड़ा हादसा बन सकता था, बावजूद इसके लापरवाहों की लापरवाही जारी है, ग्रामीणों ने ऐसे लापरवाह सरपंच सचिव पर सख्त कार्यवाही कि मांग कि है।
इन्होंने यह कहा
ऐसी घटना पूर्व में भी हुई हमने पंचायत को लिखित में भी दिया लेकिन रिपेयरिंग पर पंचायत द्वारा ध्यान नही दिया गया, ना इन्होंने दो साल में आकर देखा, गनीमत रही बच्चो के साथ कोई घटना नही हुई।
ओम कंवर
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, भाटियों का खेड़ा
यह आंगनवाड़ी हमारे ही विद्यालय के एक कमरे में पिछले कही साल से चल रही, कमरा पूरी तरह से झर्झर हालात में है, पूर्व में हुई ऐसी घटना के समय भी पंचायत को लिखा लेकिन कोई सुनवाई नही हुई, हमारे पास भी ज्यादा कमरे नही बाकी दूसरा दे देते, हम भी 4 कमरों में 8 कक्षाए चला रहे है। घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, नुकसान भी हुआ, गनीमत रही कोई बड़ा हादसा नही हुआ।
-हेमेंद्र कुमार जांगिड़
एचएम, राउप्रावी, भाटियों का खेड़ा,
घटना दुर्भाग्यपूर्ण, लेकिन गनीमत रही कोई हादसा नही हुआ, केंद्र जहाँ चल रहा वो कमरा झर्झर होने से हमने किराए के भवन में केंद्र को संचालित करने हेतु भी लिखित में दे रखा, ग्राम पंचायत को भी केंद्र से लिखित में भवन रिपेयरिंग ओर नए भवन निर्माण हेतु दिया हुआ है लेकिन सुनवाई नही कर रहे, अब जल्द ही इसे अन्य भवन में संचालित करवाएंगे।
– चंदा नुवाल
महिला पर्यवेक्षक सेक्टर घटियावली।
घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, हमने तो यहाँ भवन निर्माण के लिए आगे दे रखा है, जमीन भी अलॉट है, आदेश का इंतजार है, ओर भी जैसे भी बन सकता उसका प्रयास कर रहे है, तब तक केंद्र को किराए के भवन या अन्यत्र संचालित करेंगे ताकि बच्चो के साथ कोई अनहोनी ना हो, यह घटना भी रात में हुई जिससे किसी के साथ कोई अनहोनी नही हुई, पूर्व में यहाँ ऐसी ही हुई घटना कि तो मुझे जानकारी नही लेकिन बताया कि पंचायत को लिखित में दिया था रिपेयरिंग का लेकिन पंचायत द्वारा कोई ध्यान नही दिया गया।
– मनीष कुमार
सीडीपीओ ग्रामीण चित्तौड़गढ़