(बिन्टू कुमार)
नारायणपुर | ग्राम पंचायत बामनवास कांकड़ से अलग होकर ग्राम बैरावास-नांगलहेडी को नई ग्राम पंचायत के गठन की माँग को लेकर ग्रामीणों ने रविवार को गाँव बैरावास में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में बैठक आयोजित की। इस बैठक में बैरावास, नांगलहेड़ी, तुलसीवाला, र का माला और भोजपुरी सहित आस-पास के गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया और आगामी आंदोलन की रणनीति तैयार की। बैठक में ग्रामीणों ने बताया कि इन गांवों की कुल जनसंख्या लगभग 2826 है और ये सभी गांव पंचायत मुख्यालय बामनवास कांकड़ से 15 से 18 किलोमीटर दूर स्थित हैं। इस दूरी के कारण ग्रामीणों को सरकारी कार्यों के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ती है। ग्रामीणों ने तर्क दिया कि ग्राम बैरावास-नांगलहेड़ी भौगोलिक रूप से सभी गांवों के मध्य में स्थित है, इसलिए इसे नई ग्राम पंचायत का केंद्र बनाया जाना चाहिए। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वे कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंप चुके हैं और अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही सरकार उनकी माँग पर ध्यान नहीं देती है, तो वे कोर्ट का सहारा लेंगे और आंदोलन को तेज करेंगे। ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कहा कि यह आंदोलन अब अधिकारों और न्याय की लड़ाई है, जिसे वे किसी भी कीमत पर जीतना चाहते हैं। आने वाले दिनों में यह मुद्दा क्षेत्रीय राजनीति और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बनता जा रहा है। बैठक में प्रमुख रूप से युवा नेता राकेश दायमा, कन्हैया लाल प्रजापत, रामरतन शर्मा, पोलाराम, सरदान, फलाराम धानका, प्रवीन वर्मा, गोलू योगी, अर्जुन प्रजापत, रघुवीर यादव, अंकुश शर्मा, हीरालाल शर्मा, श्रीराम रावत, तेजपाल, पायलट दायमा, मुकेश सैन, सतीश सैन, जूरी लाल बंजारा, रामकिशोर कोली, रूपा गुर्जर, मुकेश बंजारा, हरिराम प्रजापत, बाबूलाल प्रजापत, पप्पूराम छावडी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।