महिमा
बिजोलिया – नगर पालिका प्रशासन और सफाई कर्मचारियों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद अब गंभीर रूप ले चुका है। पिछले 10 दिनों से सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ी है, जिससे कस्बे में जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए हैं और आमजन को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को स्थिति तब और बिगड़ गई जब सफाई कर्मचारियों ने घर-घर से कचरा एकत्र करने वाली गाड़ियों को भी जबरन रुकवा दिया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को अधिशाषी अधिकारी पंकज कुमार मंगल ने कस्बे के प्रबुद्ध नागरिकों के साथ बैठक आयोजित की। बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व पंचायत कार्यकाल के दौरान कार्यरत 93 कर्मचारियों को नगर निकाय में नियमानुसार रखा जाना संभव नहीं है। यह जानकारी कर्मचारियों को पहले ही दे दी गई थी और समय रहते छंटनी की प्रक्रिया भी पारदर्शिता से पूरी की गई। वर्तमान में केवल वही कर्मचारी कार्यरत रखे जा सकते हैं जो नियमानुसार प्रतिदिन 8 घंटे का नियमित कार्य करने को तैयार हैं।
ईओ ने यह भी बताया कि सफाई कर्मचारियों द्वारा पूर्व में की गई 14 दिन की हड़ताल का वेतन देने में नगर पालिका सक्षम नहीं है।
बैठक में सफाई कर्मचारी प्रतिनिधि विनोद घुसर और मोहन घुसर ने कहा कि वे कार्य पर लौटने को तैयार हैं, लेकिन जब तक सभी पूर्व कर्मचारी यथावत बहाल नहीं किए जाते और बकाया वेतन का भुगतान नहीं होता, तब तक वे काम शुरू नहीं करेंगे।
प्रबुद्ध नागरिकों ने आगामी जैन समाज के पंचकल्याणक महोत्सव और तिरंगा यात्रा जैसे आयोजन को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका।
ऐसे में अधिशाषी अधिकारी ने जनसहयोग के माध्यम से समाधान की पहल करते हुए “स्वयं का कचरा, स्वयं का समाधान” अभियान शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कस्बेवासियों से अपील की कि जब तक कचरा निस्तारण की मशीनरी उपलब्ध नहीं हो जाती और ठेकेदार नई व्यवस्था लागू नहीं कर देता, तब तक नागरिक स्वयं अपने मोहल्ले और प्रतिष्ठानों के बाहर की सफाई का जिम्मा लें। उन्होंने रविवार से प्रतिदिन सुबह 6 से 8 बजे तक श्रमदान करने की अपील की है।
बैठक में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष मनोज गोधा, कांग्रेस महामंत्री शक्तिनारायण शर्मा, सत्यनारायण मेवाड़ा, शांतिलाल जोशी, हर्षिंदा कंवर, वेदप्रकाश तिवारी, अनिल टांक, विट्ठल तिवारी, रणजीत कानावत, शिव चंद्रवाल सहित अनेक प्रबुद्ध नागरिक मौजूद रहे।