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मिठी खुशबू का कड़वा सच ‘ई-सिगरेट‘ की गिरफ्त में युवा,Youth in the grip of ‘e-cigarette’

मीठे धुएं में जल रहा युवा पीढ़ी का भविष्य

किरोड़ी लाल मीना


सवाई माधोपुर 6 जून। स्मार्ट हलचल|वर्तमान समय की सबसे बड़ी विडंबना है कि जिस तकनीक को मानवता की भलाई के लिए विकसित किया गया वहीं तकनीक अब धीरे-धीरे समाज को खोखला कर रही है। वर्तमान के इस दौर में जहां युवाओं को ज्ञान, नवाचार और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो
ना चाहिए लेकिन इस युग की युवा पीढ़ी एक खामोश जहर ‘ई-सिगरेट‘ की गिरफ्त में जा रही है। आधुनिकता, आकर्षक फ्लेवर और दिखावे की होड़ ने इस डिजिटल धुएं् को युवाओं की आदत और फिर लत में तब्दील कर दिया है। यह न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि एक समृद्ध और सशक्त समाज के भविष्य के लिए भी एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है।
ई-सिगरेट क्या है:- ई-सिगरेट, जिसे इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट, वेप, वेप पेन, या वेपिंग डिवाइस भी कहा जाता है, एक बैटरी से चलने वाला उपकरण है जो निकोटीन, फ्लेवर और अन्य रसायनों को गर्म कर वाष्प बनाता है, जिसे उपयोगकर्ता साँस के जरिए अंदर लेता है। यह पारंपरिक सिगरेट की तरह धुआं नहीं बल्कि धुंध जैसा वाष्प छोड़ती है।
कैसे काम करती है ई-सिगरेट:- लिक्विड ई-सिगरेट में एक कार्ट्रिज होता है जिसमें निकोटीन, फ्लेवर और अन्य रसायन वाला लिक्विड भरा होता है, हीटिंग एलिमेंट बैटरी से चलने वाला हीटिंग सिस्टम इस लिक्विड को गर्म करता है। वाष्प लिक्विड गर्म होकर भाप बन जाता है जिसे उपयोगकर्ता साँस के जरिए अंदर लेता है
ई-सिगरेट को क्यों खतरनाक माना जाता हैः- इसमें मौजूद निकोटीन बहुत तेज़ लत लगाने वाला रसायन है। यह किशोरों और युवाओं के मस्तिष्क विकास को प्रभावित कर सकता है। इसके इस्तेमाल करने वालों में फेफड़ों की गंभीर बीमारी (जैसे पॉपकॉर्न लंगस) देखी गई है। इससे हृदय, रक्तचाप और मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। इससे ध्यान भटकाव, चिड़चिड़ापन, अवसाद, और याददाश्त में कमी जैसी समस्याएं बढ़ने लगी हैं। ई-सिगरेट से दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है और युवाओं में रक्तचाप की समस्या भी समय से पहले देखने को मिल रही है।
ई-सिगरेट की दिखावटी चमक के पीछे छिपा जहर:- ई-सिगरेट को एक वैकल्पिक नशे के रूप में बाजार में लाया गया। जब इसे बाजार में उतारा गया तो इसे पारंपरिक धूम्रपान का कम हानिकारक विकल्प कहा गया एवं इसे धूम्रपान छोड़ने का ‘सुरक्षित माध्यम’ बताया गया। लेकिन व्यावसायिक हितों और आकर्षक प्रचार, वेपिंग डिवाइसेज़ की डिज़ाइन, फलों और मिठास जैसे फ्लेवर, और सोशल मीडिया के ट्रेंड्स ने इसे युवाओं के बीच लोकप्रिय बना दिया, खासकर 15 से 25 वर्ष की उम्र के बीच। युवा वर्ग के लिए यह मात्र एक आदत ही नहीं बल्कि आत्म-अभिव्यक्ति का ज़रिया बनता जा रहा है, जिसमें वे अपनी पहचान, स्वतंत्रता और सुख शांति ढूंढ़ने लगे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि ये पहचान युवाओं को नशे की गिरफ्त में लेकर भीतर से खोखला कर रही है।
समाज की चुप्पी एक खतरनाक सहमति:- जब समाज किसी समस्या पर चुप्पी साध ले, तो वह समस्या धीरे-धीरे एक महामारी का रूप ले लेती है। आज हर माता-पिता को यह भ्रम है कि “मेरा बच्चा ऐसा नहीं करेगा।” लेकिन आंकड़े कुछ और ही कहानी कहते हैं। किशोरों में ई-सिगरेट की लत, सामान्य धूम्रपान की तुलना में दोगुनी तेजी से बढ़ रही है। कई बच्चे 13-14 वर्ष की उम्र में ही इसका सेवन शुरू कर रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव इतना घातक है कि कई मामलों में आत्महत्या की प्रवृत्तियाँ भी उभर कर आई हैं। इस चुप्पी को अब तोड़ना होगा। यह केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक संकट बन चुका है।
समाधान जागरूकता से ही बनेगा बचाव:- शिक्षण संस्थानों में जागरूकता अभियान चलाने होंगे ताकि बच्चे यह समझ सकें कि यह कोई कूल फैशन नहीं बल्कि एक धीमा ज़हर है। अभिभावकों को बच्चों के साथ खुलकर संवाद करना होगा डराने के बजाय समझाने और मार्गदर्शन देने की ज़रूरत है। सरकार और प्रशासन को स्कूलों और कॉलेज परिसरों में ई-सिगरेट की उपलब्धता पर निगरानी रखनी होगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी होगी।
कानूनन प्रतिबंधः- देश में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध है और इसके उल्लंघन पर सजा का प्रावधान है। सरकार ने ई-सिगरेट की बिक्री, वितरण, भंडारण, उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
ई-सिगरेट के आकर्षक धुएं के पीछे एक पीढ़ी का भविष्य धुंधला होता जा रहा है। यह एक ऐसा धीमा ज़हर है जो न सिर्फ शरीर को बल्कि समाज के मूल्यों, ऊर्जा और उम्मीदों को भी नष्ट कर रहा है। हमें समझना होगा कि हर छोड़ी गई सांस में एक सपना जलता है और हर वेपिंग के कश में एक जीवन मिटता है। युवाओं को इस फरेब से बाहर निकालना, केवल सरकार की नहीं, हम सभी की ज़िम्मेदारी है। आइए, साथ मिलकर एक ऐसा समाज बनाएं, जहां धुएं नहीं, उम्मीदें उड़ें।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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