बून्दी -स्मार्ट हलचल|ग्रामीण क्षैत्रों में मृत शरीर का दाह-संस्कार करने में अनेक समस्याओं बाबत समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलता है। प्रमुख समस्या श्मसान स्थल की राजस्व रेकार्ड में अनुपलब्धता, रास्ते का अभाव, सुगम रास्ता नहीं होना, दाह-संस्कार स्थल पर चबुतरे वाले स्थान का अभाव, चबुतरो पर टिन शेड का अभाव, उपलब्ध टिन शेड अनुपयुक्त, श्मसान स्थल पर साफ सफाई का अभाव, बैठने हेतु छाया, पीने हेतु पानी, जलाने हेतु लकड़ी का अभाव इन सभी की अधिकांश जगह पर उपलब्धता नहीं है। आम जनता को असुविधाजनक स्थिति होने पर भी जैसे तैसे मृत शरीर का अन्तिम दाह संस्कार किया जाता रहा है। बहुत सी जगह पर प्रशासन, पुलिस प्रशासन के सहयोग से दाह संस्कार हो पाता है। ऐसी स्थितियों का होना सभ्य समाज एवं शासन प्रशासन के लिए विचारणीय प्रश्न है। विकास की दौड़ में क्या इन सुविधाओं को करवाया जाना आवश्यक नहीं है।
मूलचंद शर्मा, समाजसेवी तलवास ने पूर्व में भी शासन, प्रशासन को इस समस्या के समाधान करवाने हेतु आग्रह किया जाता रहा है। पुनः मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री,जिला प्रशासन को पत्र भिजवा कर ग्रामीण क्षेत्रों में दाह-संस्कार हेतु मुक्तिधाम स्थलों की दशा सुधारने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की आवश्यकता बताई गयी है। वर्षा ऋतु में सर्वाधिक समस्याएं उत्पन्न होती है।