Priest Radheshyam died due to tiger attack in Ranthambore
जैन मंदिर में काम
रणथंभौर में टाइगर अटैक में राधेश्याम माली की मौत हो गई है. वन विभाग ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर हॉस्पिटल पहुंचा दिया गया. शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है. यह शव जैन मंदिर से 30 से 40 मीटर दूर झाड़ियो में मिला. मृतक की गर्दन पर टाइगर के केनाइन के निशान मिले और जांघ का हिस्सा भी टाइगर ने खा लिया था. आधिकारिक जानकारी में कहा गया कि रणथंभौर किले के क्षेत्र में, खासकर गणेश धाम और मंदिर क्षेत्र के बीच के मार्गों पर बाघों की मौजूदगी बढ़ती जा रही है. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हमें बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष की याद दिलाती है.
पुलिस ने बताया कि राधेश्याम (60) रणथंभौर किले में स्थित जैन मंदिर में पुजारी थे। उसने बताया कि वह सुबह-सुबह नित्य कर्म के लिए गए थे, तभी बाघ ने उन पर हमला कर दिया।
जैन मंदिर में काम करता था मृतक
प्रशासन ने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए मामले की जानकारी दी है. सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक, “रणथंभौर किले से एक दिल दहला देने वाली घटना की सूचना मिली है. शेरपुर निवासी 60 वर्षीय राधेश्याम माली, जो किले के परिसर में स्थित जैन मंदिर में काम कर रहे थे, एक दुखद बाघ के हमले में अपनी जान गंवा बैठे.”
यह घटना पिछले दो महीनों में रणथम्भौर दुर्ग क्षेत्र में बाघ के हमले की तीसरी घटना है. इससे पहले 21 अप्रैल को बाघिन कनकटी ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर से लौट रहे 7 साल के एक मासूम बच्चे को शिकार बना लिया था. उस बच्चे की दर्दनाक मौत ने पहले ही पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी थी, और अब पुजारी की मृत्यु ने एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं.