24 करोड़ रुपए की लागत से कृषि उपज मंडी में विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण
बूंदी- स्मार्ट हलचल|लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को बूंदी कृषि उपज मंडी परिसर में लगभग 24 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बून्दी जल्द ही एग्रो-बेस्ड इंडस्ट्री के एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित होगा। अभी तक 20 से अधिक औद्योगिक इकाइयों की स्थापना प्रक्रिया में है और भविष्य में यह संख्या और बढ़ेगी।
आज का किसान केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहभागी है। केंद्र सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड, बिना ब्याज ऋण, और पशुपालकों को एक लाख रुपये तक के ऋण जैसी योजनाएं किसानों को सशक्त बनाने में सहायक रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में “हर खेत तक पानी, हर घर तक नल” का सपना शीघ्र ही साकार होगा। बिरला ने कहा कि आने वाले समय में कोटा की तर्ज पर मंडी में काम करने वाले मुनीमों और हमालों के लिए अलग से कॉलोनी विकसित की जाएगी।
मंडी परिसर में ऑक्शन प्लेटफॉर्म, मंडी समिति कार्यालय भवन, गेट संख्या 2 पर पुलिया, चारदीवारी एवं फेसिंग, ओपन ऑक्शन प्लेटफॉर्म सहित पार्किंग क्षेत्र तथा संपर्क सड़कों पर स्ट्रीट लाइट और विद्युत कार्य का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ।
खेती में नवाचार, बढ़ती संभावनाएं
बिरला ने कहा कि बूंदी के किसान परंपरागत खेती से आगे बढ़कर आधुनिक तकनीकों को अपना रहे हैं। हाइड्रोपोनिक तकनीक के माध्यम से अभी 500 बीघा क्षेत्र में खेती की जा रही है, जो जल्द ही हजारों बीघा तक विस्तारित होगी। किसान अब फलों, सब्जियों और फूलों की उन्नत खेती की ओर अग्रसर हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसे संपर्क मार्गों से दिल्ली, जयपुर और मुंबई की मंडियों तक उपज को 4 से 7 घंटे में पहुँचाया जा सकेगा, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा।
फलोद्यान और पशुपालन से बढ़ेगी आमदनी
बिरला ने कहा कि अमरूद, नींबू, मौसमी, नारंगी जैसी फसलों की खेती के लिए किसानों को मुफ्त पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही उन्होंने पशुपालन को किसानों की आय बढ़ाने का एक प्रभावी माध्यम बताया और किसानों से आग्रह किया कि वे खेती के साथ-साथ फलोद्यान और पशुपालन को भी अपनाएं। आने वाले समय में मंडियों को फसल-आधारित विशिष्ट मंडियों में बदला जाएगा, जैसे मटर, भिंडी, मिर्च जैसी फसलों की विशेष मंडियां स्थापित की जाएगी, जिससे स्थानीय उपज को नया बाजार मिलेगा।
अटल जी ने रखी किसान कल्याण की मजबूत नींव – खर्रा
यूडीएच मंत्री श्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में किसान कल्याण के अथक प्रयास शुरू हुए। उन्होंने नदियों के व्यर्थ बह जाने वाले अमूल्य जल के संरक्षण व प्रत्येक किसान के खेत तक पानी पहुंचाने के लिए देशभर की नदियों को आपस में जोड़ने की मुहिम शुरू की थी। उन्हीं के प्रयासों से ही किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध हो सका। आज पीएम मोदी के नेतृत्व में आज कृषि क्षेत्र को आधुनिक, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार कार्य हो रहा है।
बिजली तंत्र को सुदृढ़ कर रहे हैं-नागर
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि मंडी प्रांगण का विकास हो रहा है। मंडी में और अधिक सुविधाएं विकसित की जाएगी। बिजली विभाग किसानों से निरंतर जुड़ा हुआ है। बूंदी जिले में बिजली तंत्र को सुदृढ किया जा रहा है, 2027 से पहले किसानों को दिन में बिजली मुहैया करवाई जाएगी। प्रदेश में विकास के नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। किसान कल्याण में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष रामेश्वर मीणा, पूर्व विधायक अशोक डोगरा, प्रधान राजेश रायपुरिया, प्रधान पदम नागर, नगर परिषद सभापति सरोज अग्रवाल, आढ़तिया संघ के अध्यक्ष अनिल जैन, सचिव सुनिल सकवाल आदि मौजूद रहें।