बिजोलिया : राजस्थान के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल मेनाल में इस वर्ष मानसून की पहली बारिश के साथ ही झरना समय से पहले सक्रिय हो गया है। जहां पिछले वर्ष यह जलप्रपात 5 जुलाई को शुरू हुआ था, वहीं इस बार जून के मध्य में ही इसकी गर्जना सुनाई देने लगी।
बिजौलिया से 20 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थल प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी रखता है। 12वीं-13वीं शताब्दी के लगभग 20 मंदिरों का समूह यहां स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है।
लगभग 150 फीट गहरी घाटी में गिरती जलधारा, आसपास की हरियाली और ऐतिहासिक मंदिरों का सौम्य वातावरण मेनाल को स्वर्गिक रूप देता है।
झरने के समय से पहले बहने से पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों में उत्साह है। स्थानीय लोग इसे शुभ संकेत मानते हैं, जो क्षेत्र की खेती और पर्यटन दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।