गांव-गांव में हरियाली लाने के संकल्प के साथ ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का शुभारम्भ
जहाजपुर, पेसवानी
ग्राम पंचायत पीपलून्द द्वारा विकसित की जा रही “ऑपरेशन सिन्दूर फल वाटिका” में रविवार को स्थानीय विधायक गोपीचंद मीणा के कर कमलों से जामुन का पौधा लगाकर पौधारोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर विधायक मीणा के नेतृत्व में 1200 से अधिक फलदार पौधे रोपे गए। इस अभिनव प्रयास के तहत ग्राम पंचायत द्वारा ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान 2025 का भी विधिवत शुभारम्भ किया गया।
विधायक मीणा ने इस मौके पर कहा कि पर्यावरण संरक्षण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। जिस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति अपनी मां का आदर करता है, उसी भावना से यदि हर कोई एक पौधा मां के नाम लगाएगा और उसका पालन-पोषण करेगा तो हर गांव हरा-भरा और स्वच्छ बनेगा। उन्होंने ग्राम पंचायत द्वारा किए जा रहे इस नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर फल वाटिका आने वाले समय में क्षेत्र के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।
ग्राम पंचायत पीपलून्द के प्रशासक वेदप्रकाश खटीक ने जानकारी देते हुए बताया कि यह वाटिका ग्राम पंचायत की एक अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य न केवल पर्यावरण में सुधार लाना है, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों को फलदार वृक्षों से आर्थिक लाभ भी दिलाना है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिन्दूर फल वाटिका को भारतीय सेना के वीर सैनिकों के शौर्य और बलिदान को समर्पित किया गया है।
इस वाटिका में विभिन्न प्रकार के कुल 1202 पौधे लगाए गए, जिनमें प्रमुख रूप से आम के 300, जामुन के 315, आंवला के 200, अनार के 100, अमरूद के 100, केरूंदे के 100, संतरे के 52 और एप्पल बोर के 35 पौधे शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनसमूह ने इन पौधों को रोपने के साथ-साथ उनके संरक्षण का भी संकल्प लिया।
जन भागीदारी से बना पौधारोपण कार्यक्रम उत्सव का रूप
इस पौधारोपण अभियान को जन भागीदारी अभियान के रूप में आयोजित किया गया। ग्रामवासियों ने इस पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई। कार्यक्रम में महिलाओं की विशेष उपस्थिति रही, जिन्होंने पौधारोपण के दौरान लोकगीतों का गायन कर वातावरण को जीवंत बना दिया। यह दृश्य अपने आप में अद्भुत था, जहां ग्रामीण संस्कृति और प्रकृति संरक्षण का अद्भुत समन्वय देखने को मिला।
अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने भी निभाई सक्रिय भूमिका
इस अवसर पर विकास अधिकारी श्री सीताराम मीणा, महाराणा प्रताप संस्थान के अध्यक्ष सत्यनारायण पारीक, सचिव नरेन्द्र सिंह राणावत, ग्राम विकास अधिकारी राकेश मीणा, कनिष्ठ सहायक शैतान मीणा, भाजपा नेता रमेश पारीक, कजोड़मल साहू, बूथ अध्यक्ष दुर्गालाल खटीक, शिवशंकर मीणा, वार्ड पंच दीपक खटीक, भागचंद तेली, बन्नालाल मीणा, राजेश खटीक, सत्यनारायण ओझा, प्रवीण मीणा, भारत मीणा, ब्रह्मप्रकाश पूरी, हरचंद गुर्जर, राजू रैगर, सुखराज गुर्जर, रोहित गुजराती, प्यारचंद तेली, भंवरलाल गुर्जर, महावीर मीणा, नरेश मीणा, हंसराज पूरी, मुकेश मीणा और जगदीश रैगर सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे। सभी ने पूरे उत्साह और समर्पण के साथ पौधारोपण कार्य में योगदान दिया।
विधायक ने ग्रामवासियों को किया प्रेरित
अपने संबोधन में विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा कि वृक्षारोपण केवल एक दिन का कार्य नहीं है, बल्कि यह सतत् प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि यदि हर नागरिक अपने स्तर पर एक पौधा लगाए और उसके बढ़ने तक देखभाल करे, तो यह धरती और भावी पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ा उपहार होगा। उन्होंने कहा कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को क्षेत्र के प्रत्येक गांव में फैलाया जाएगा।
“ऑपरेशन सिन्दूर” नाम का महत्व
ग्राम पंचायत के प्रशासक वेदप्रकाश खटीक ने बताया कि इस फल वाटिका को ऑपरेशन सिन्दूर नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह भारतीय सैनिकों की शौर्य गाथा और देशभक्ति की भावना से प्रेरित है। सैनिक अपने प्राणों की आहुति देकर देश को सुरक्षित रखते हैं, उसी प्रकार हर पौधा धरती की रक्षा के लिए एक प्रहरी के समान होगा।
सामुदायिक सहयोग से बनेगी मिसाल
यह कार्यक्रम केवल सरकारी अथवा पंचायत स्तर का ही नहीं था, बल्कि इसमें पूरे गांव के नागरिकों ने सहभागिता की। महिलाओं ने लोकगीत गाकर अपनी भावनाएं प्रकट कीं, बच्चों और युवाओं ने अपने उत्साह से कार्यक्रम को ऊर्जावान बनाया। वरिष्ठ नागरिकों ने अपनी अनुभवजन्य बातों से युवाओं को प्रेरित किया।
अभियान को सतत् रूप से चलाने की योजना
पंचायत प्रशासक ने बताया कि इस अभियान को यहीं समाप्त नहीं किया जाएगा, बल्कि आगे भी प्रत्येक माह में पौधारोपण किया जाएगा और लगे हुए पौधों के संरक्षण के लिए ग्राम स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी। साथ ही, स्कूली बच्चों को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा ताकि उनमें बचपन से ही प्रकृति संरक्षण की भावना विकसित हो।
समापन में हुआ सामूहिक संकल्प
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित जनसमूह ने सामूहिक संकल्प लिया कि लगाए गए प्रत्येक पौधे को जीवित रखने हेतु नियमित देखभाल की जाएगी। साथ ही, आने वाले समय में इस पहल को और व्यापक बनाया जाएगा ताकि पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में हर नागरिक की भागीदारी हो।