कोटड़ी (भीलवाड़ा)-अमावस्या के पावन अवसर पर बुधवार को मेवाड़ अंचल की आस्था के प्रमुख केंद्र कोटड़ी स्थित भगवान श्रीचारभुजानाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। दूर-दराज से नंगे पांव पदयात्रा कर पहुंचे भक्तों ने प्रभु के दर पर माथा टेककर अपनी मनोकामनाएं अर्पित कीं और मन्नत पूरी होने की कामना की।
सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। सभी श्रद्धालु धैर्यपूर्वक अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हुए प्रभु के दर्शन कर भावविभोर नजर आए। पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण के बीच भगवान श्रीचारभुजानाथ का पंचामृत व दुग्ध से विशेष अभिषेक किया गया। तत्पश्चात स्वर्णजड़ित पोशाक धारण कराई गई और महाआरती के बाद प्रसाद वितरण हुआ।
भेंटपात्र से निकले 45 लाख, उमड़ा उल्लास—
अमावस्या पर भक्तों की भारी भीड़ के साथ-साथ श्रद्धा का अनूठा उदाहरण भी देखने को मिला जब मंदिर ट्रस्ट की उपस्थिति में भेंटपात्र खोले गए। ट्रस्ट अध्यक्ष श्री सुदर्शन गाड़ोदिया ने बताया कि भेंटपात्र से कुल 32,11,278 रुपये नकद प्राप्त हुए। इसके अलावा रसीदों के माध्यम से 8,74,594 रुपये तथा ऑनलाइन माध्यम से 3,21,571 रुपये भक्तों ने अर्पित किए। कुल मिलाकर 45,07,441 रुपये की राशि प्रभु के चरणों में अर्पित हुई।
इतना ही नहीं, भक्तों ने 1 किलो 560 ग्राम चांदी के आभूषण भी भेंट किए, जिन्हें ट्रस्ट के बही-खातों में विधिवत दर्ज किया गया। यह राशि व आभूषण पूर्व सरकारी कर्मचारियों की मदद से गिनती व दस्तावेजीकरण के बाद दर्ज किए गए।
भजनों पर झूमे श्रद्धालु, बाजारों में भी दिखी रौनक–
पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में हो रही रिमझिम बारिश के कारण मौसम सुहावना बना हुआ था, जिसने माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। दिनभर मंदिर परिसर में क्षेत्रीय भजन कलाकारों ने भगवान श्रीचारभुजानाथ के भजनों की सुंदर प्रस्तुतियाँ दीं, जिन पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। कस्बावासियों ने भी भक्तों की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए। मंदिर मार्ग पर ठंडी पेयजल व्यवस्था, प्राथमिक उपचार, और साफ-सफाई की व्यवस्थाओं के साथ-साथ स्थानीय बाजारों में भी भक्तों की चहल-पहल देखी गई। किराना, कपड़ा, जूते-चप्पल, छतरी, आभूषण, सौंदर्य प्रसाधन और प्लास्टिक उत्पादों की दुकानों पर जमकर खरीदारी हुई। विशेषकर स्कूल खुलने से पहले स्टेशनरी, बैग और अन्य सामग्री की दुकानों पर भीड़ उमड़ पड़ी।
बढ़ रही आस्था, बढ़ रहा योगदान
भेंटपात्र में निरंतर बढ़ती राशि को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया। सभी ने इसे प्रभु श्रीचारभुजानाथ की महिमा और भक्तों की गहन आस्था का परिणाम बताया। ट्रस्ट अध्यक्ष श्री गाड़ोदिया ने श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त करते हुए मंदिर विकास के लिए इस योगदान को महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर ट्रस्ट सचिव श्याम सुंदर चेचाणी सहित अनेक पदाधिकारी व स्थानीय सेवा समिति के सदस्य भी व्यवस्थाओं में जुटे रहे। अमावस्या पर आस्था और सेवा का यह अद्वितीय संगम देखने योग्य रहा, जिसने भक्तों के हृदय में प्रभु के प्रति श्रद्धा को और प्रगाढ़ कर दिया।