अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सरप्राइजिंग सीजफायर एलान को 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, जहां सीजफायर उल्लंघन के आरोपों के बाद अभी फिलहाल शांति कायम है। ईरान-इजराइल में युद्ध विराम के बाद स्थितियां अनुकूल बन रही हैं।
अब आगे क्या होगा ?
अमेरिका और इजराइल के हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। ऐसे में अब आगे क्या होगा, क्या ईरान का परमाणु हथियार बनाने का सपना टूट गया है?
दरअसल, इजराइल और अमेरिका नहीं चाहते कि ईरान परमाणु हथियार बनाए। इसलिए इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बीती 12 जून 2025 को हमला कर दिया था। इस हमले के बाद 23 जून तक ईरान और इजराइल के बीच भीषण जंग भी चली।
ईरान से न्यूक्लियर वार्ता को लेकर ट्रंप का एलान
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यह एलान भी किया गया कि अगले हफ्ते ईरान से न्यूक्लियर वार्ता होगी। इस वार्ता में क्या कुछ निकलकर सामने आता है यह वाकई देखने वाली बात होगी।
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह अगले हफ्ते ईरान से बातचीत करेंगे। उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि बातचीत का प्रारूप क्या होगा। उन्होंने कहा कि ईरान-इजराइल में युद्ध विराम के बाद स्थितियां अनुकूल बन रही हैं।
ट्रंप ने कहा- ईरान अपनी परमाणु महत्वाकांक्षा को त्यागने को तैयार, इसलिए अब बातचीत करने में कोई हर्जा नहीं
द न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार की खबर के अनुसार, ट्रंप ने कल हेग में नाटो शिखर सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि ईरान अपनी परमाणु महत्वाकांक्षा को त्यागने को तैयार है। इसलिए अब बातचीत करने में कोई हर्जा नहीं है। और यह भी ईरान और इजराइल के बीच युद्ध विराम दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है। अब दोनों देशों से बुरी खबरें नहीं आ रहीं।
ट्रंप ने कहा कि अगर अमेरिका ने ईरान के परमाणु सुविधा केंद्रों पर आक्रमण नहीं किया होता तो शायद वह समझौते के लिए तैयार नहीं होता। इस दौरान ट्रंप ने मंगलवार को जारी एक प्रारंभिक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के निष्कर्षों के खिलाफ भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इसमें कहा गया था कि ईरान की परमाणु सुविधाओं पर अमेरिका के हमलों ने देश की महत्वाकांक्षाओं को केवल कुछ महीनों के लिए पीछे धकेल दिया है। ट्रंप ने दोहराया कि हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तहस-नहस कर दिया है।
न्यूक्लियर वार्ता का छठा अध्याय
ईरान और अमेरिका के बीच 15 जून को ओमान में परमाणु मुद्दे पर बातचीत होने वाली थी। यह दोनों देशों के बीच परमाणु वार्ता का छठा दौर था। हालांकि, जंग के कारण इसे रद्द कर दिया गया था।