बानसूर । स्मार्ट हलचल।कस्बे के मीणा मोहल्ला निवासी 58 वर्षीय वरिष्ठ सहायक बाबूलाल मीणा ने मृत्यु के बाद अपना शरीर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के लिए दान करने का फैसला किया है। उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज अलवर को देहदान के लिए प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसे कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. नेहा विजय ने पंजीकृत कर लिया। बाबूलाल मीणा राजकीय माध्यमिक विद्यालय चिरवा रामगढ़ में कार्यरत हैं। उनके इस फैसले में पत्नी पुष्पा देवी और पुत्र राहुल व मोहन मीणा ने सहमति दी है। उन्होंने बताया कि यह फैसला समाज और शिक्षा के हित में है। बाबूलाल ने कहा-मृत्यु के बाद शरीर नष्ट हो जाता है, अगर वह किसी के काम आ सके तो इससे बड़ा पुण्य नहीं। मैं आगे लोगों को भी जागरूक करूंगा। वे अब तक 10 गरीब बच्चियों की शादी करवा चुके हैं और शिक्षा के क्षेत्र में भी आर्थिक सहायता करते हैं। आपको बता दें कि 18 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति कानूनी रूप से मृत्यु के बाद शरीर को मेडिकल रिसर्च और पढ़ाई के लिए दान कर सकता है। इससे मेडिकल छात्रों को शरीर की संरचना और उपचार पद्धतियों को समझने में मदद मिलती है।