शाश्वत तिवारी
मापुतो। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह की मोजाम्बिक गणराज्य की आधिकारिक यात्रा का समापन हुआ और अब वह जिम्बाब्वे गणराज्य के दौरे पर पहुंचे हैं। सिंह 21 से 28 जून के बीच इन दो दक्षिण-पूर्व अफ्रीकी देशों की यात्रा पर हैं। राज्य मंत्री ने अपने इस लंबे दौरे के दौरान मोजाम्बिक के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने को लेकर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने 25 जून को मोजाम्बिक की स्वतंत्रता के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा मोजाम्बिक के 50वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुआ, मोजाम्बिक हीरोज स्क्वायर पर राष्ट्र के संस्थापकों को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा मापुतो के माचावा स्टेडियम में रंगारंग समारोह में भाग लिया। इस खुशी के दिन मोजाम्बिक की सरकार और जनता को अपनी शुभकामनाएं दी।
इससे पहले राज्य मंत्री ने मापुतो में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की विकास गाथा तथा देश में आए समावेशी एवं सकारात्मक परिवर्तनों पर प्रकाश डाला। 23 जून को मोजाम्बिक की विदेश मंत्री से हुई मुलाकात के बाद सिंह ने ‘एक्स’ पर लिखा विदेश मंत्री मारिया मैनुएला डॉस सैंटोस लुकास से मिलकर प्रसन्नता हुई। द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की और भारत-मोजाम्बिक संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। हमारे बढ़ते संबंधों से हमारे दोनों देशों को लाभ होगा।
इस दौरान विदेश राज्य मंत्री मोजाम्बिक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. उसेन हिलारियो इस्से के साथ एक स्वास्थ्य शिविर में शामिल हुए। उन्होंने मापुतो में भारत के विख्यात जयपुर फुट (कृत्रिम अंग फिटमेंट) शिविर का उद्घाटन किया। भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित इस शिविर में करीब 1200 लाभार्थियों को कृत्रिम अंग प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा सिंह ने 120 साल पुराने सलामंगा हिंदू मंदिर का दौरा भी किया, जो मोजाम्बिक में भारतीय प्रवासियों की विरासत का एक जीवंत प्रतीक है।
विदेश मंत्रालय ने राज्य मंत्री के आगामी दौरे पर कहा वह जिम्बाब्वे सरकार के विभिन्न मंत्रियों से मिलेंगे और वन्यजीव संरक्षण प्रबंधन एवं जलवायु परिवर्तन से संबंधित मामलों पर विचार रखेंगे। उनकी मोजाम्बिक और जिम्बाब्वे की यात्रा से इन देशों के साथ भारत के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।