माण्डलगढ़ अस्पताल को उप जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत कर सरकार ने लूटी वाहवाही, लेकिन वर्तमान में अस्पताल में है असुवधाओ का अम्बार
(केसरीमल मेवाड़ा)
माण्डलगढ़। नाम बड़े दर्शन खोटे वाली कहावत इन दिनों माण्डलगढ़ उपखण्ड मुख्यालय पर स्थित उप जिला चिकित्सालय की हो रही है। राज्य सरकार ने इस अस्पताल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से उप जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत कर दिया गया लेकिन सुविधाओं के नाम पर अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। अस्पताल में बारिश के दौर में विभिन्न रोगों से ग्रस्त मरीजों की भरमार है। उपखण्ड मुख्यालय का सबसे बड़ा अस्पताल होने के नाते विधानसभा क्षेत्र के लोग रोगों से निवारण की आस लेकर यहां आते है लेकिन अस्पताल में पसरी असुविधाओं से त्रस्त होकर मरीज स्वयं को कोसते नजर आते है। वर्तमान में दिन प्रतिदिन अस्पताल में मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है लेकिन मरीजों की संख्या के अनुरूप अस्पताल में सुविधा व संसाधनों के साथ पर्याप्त आवश्यक चिकित्सकों का अभाव चल रहा है। उप जिला चिकित्सालय में वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या बिल्डिंग के अभाव की बनी हुई है जिसके चलते अस्पताल में बेड की कमी के चलते अस्पताल के अंदर रास्ते मे मरीज सोने के लिए विवश हो रहे है। अस्पताल में आने वाली भारी मात्रा में दवाइयां अस्पताल के वार्ड में जाने वाले रास्ते मे रखनी पड़ रही है।
इन चिकित्सकों के पद है सृजित-
माण्डलगढ़ नगर के उप जिला अस्पताल में वर्तमान समय मे सात चिकित्सक नियुक्त है जिसमे एक दंत चिकित्सक, तीन शिशु रोग विशेषज्ञ,एक महिला रोग विशेषज्ञ, तीन सामान्य चिकित्सा अधिकारी है। जो क्षेत्र से आने वाले मरीजों को अस्पताल में सेवाएं प्रदान कर रहे है।
इन चिकित्सकों के है पद रिक्त-
माण्डलगढ़ उप जिला चिकित्सालय में मरीजों को सर्वाधिक आवश्यकता वाले चिकित्सकों में फिजिशियन, सर्जन,निश्चेतक विशेषज्ञ,नेत्र रोग विशेषज्ञ, हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ के पद रिक्त है जिसके चलते उप जिला चिकित्सालय बनने के बावजूद मरीजों को जिला अस्पतालो में रोग निवारण के लिए जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
सोनोग्राफी मशीन नकारा,नई मशीन का इंतजार-
माण्डलगढ़ उप जिला चिकित्सालय को नई सोनोग्राफी मशीन का इंतजार है अस्पताल की पुरानी सोनोग्राफी मशीन नकारा हो चुकी है ऐसे में खासतौर से क्षेत्र की प्रसव पीड़ित महिलाओ को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल में पर्याप्त पार्किंग बनी मरीजों के लिए परेशानी का सबब-
नगर स्थित उप जिला अस्पताल में पार्किंग समस्या लंबे समय से बनी हुई है। अस्पताल में आने वाले लोग मनमर्जी के अनुसार अपने वाहन अस्पताल परिसर में खड़े कर देते है जिसके चलते अस्पताल में जाने वाले मुख्य मार्ग बाधित हो जाते है। सबसे बड़ी समस्या पार्किग अभाव से क्षेत्र से आने वाली एम्बुलेंस को होती है जिसमे गम्भीर अवस्था मे लाए जाने वाले पीड़ित को समय पर अस्पताल के वार्ड में उपचार के लिए भर्ती नही कराया जा सकता है। अस्पताल में एम्बुलेंस के जाने वाले रास्तों में वाहनों का बेतरतीब जमावड़ा लगा रहता है ।
अस्पताल में बाहर से जांचे कराने की समस्या बनी नासूर,मरीजों पर पड़ रही भारी-
स्थानीय अस्पताल में पर्याप्त उपकरणों के अभाव में क्षेत्र भर से उपचार के लिए आने वाले मरीजों को मजबूरन चिकित्सकों द्वारा लिखी गई कई जांचे बाहर से करवानी पड़ रही है जिसमे समय के साथ बड़ी मात्रा में मरीजों को धन खर्च करना पड़ रहा है जिसमे अस्पताल के मुख्य द्वार के आसपास लगी लेब संचालको की चांदी हो रही है। बाहर से कराई जाने वाली मुख्य जांचों में विशेष रूप से सोनोग्राफी, खून-पेशाब की जांच इत्यादि शामिल है। इन जांचो के लिए लेब संचालक मनमाने ढंग से जांच के नाम पर मरीजों से राशि ऐंठ रहे है।
नीम हकीमो की पौ बारह-
नगर के उप जिला अस्पताल में मौजूद ख़ामियों का फायदा क्षेत्र भर में कार्यरत नीम-हकीम खुल्ले आम उपचार के नाम पर अपनी दुकानें चलाने से बाज नही आ रहे है वहीं उपचार के नाम पर मोटी कमाई कर चांदी काट रहे है । इन नीम हकीमो पर स्थानीय प्रशासन के साथ- साथ चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का भी कोई डर नही है।
सौ बेड स्वीकृत लेकिन पर्याप्त बिल्डिंग का है इंतजार-
माण्डलगढ़ अस्पताल के उप जिला चिकित्सालय बनने के दौरान अस्पताल में सरकार द्वारा सौ बेड की मरीजों के लिए व्यवस्था करने का ऐलान किया गया था। लेकिन अस्पताल परिसर मे पर्याप्त बिल्ड उपलब्ध होने तक क्ष…