कोटा। स्मार्ट हलचल/परम् पूज्य राष्ट्रीय संत गणाचार्य समाधिस्थ 108 श्री विराग सागर जी महाराज की सुशिष्या, परम् विदुषी गणिनी आर्यिका 105 श्री विभा श्री माताजी ससंघ (13 पिच्छिका) का मंगलमय प्रवेश मंगलवार को तलवंडी स्थित श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर में संपन्न हुआ। आर्यिका संघ का यह विहार रिद्धि सिद्धि नगर जैन मंदिर से प्रातःकाल आरंभ हुआ, जिसमें जैन समाज के अनेक श्रद्धालुजनों ने भाग लिया। समाजबंधुओं तथा महिला मंडल की सदस्यों – सुनीता, रेणु, मीना एवं शशि जी – ने आर्यिका संघ की कलश के साथ अगवानी कर भावपूर्ण स्वागत किया।
मंदिर समिति के मंत्री प्रकाश जैन ने बताया कि पूज्य माताजी के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य जे. के. जैन – पुष्प जैन परिवार को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर शास्त्र भेंट का पुण्य जे. के. जैन परिवार एवं श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर महिला मंडल, तलवंडी की सदस्यों ने अर्जित किया। कार्यक्रम में सकल दिगम्बर जैन समाज के महामंत्री पदम बड़ला, संरक्षकगण राजमल पाटोदी एवं विमल नांता, पारस सोगानी, अनिल ठोरा, रितेश सेठी, मंदिर समिति तलवंडी के सदस्यगण तथा समाज के अनेक श्रेष्ठजन उपस्थित रहे।
अध्यक्ष अशोक पहाड़िया ने बताया कि पूज्य आर्यिका संघ के पावन सान्निध्य में अष्टान्हिका महापर्व के अंतर्गत 2 जुलाई से 9 जुलाई तक सिद्ध चक्र महामंडल विधान का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में सिद्धों की आराधना हेतु अर्घ्य समर्पण किए जाएंगे। इस अवसर पर सिद्ध चक्र विधान की पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
पूज्य माताजी ने अपने प्रवचनों में कहा कि धर्म का मूल भाव शुद्ध अंतःकरण में है। यदि हमारे भाव शुद्ध नहीं हैं तो क्रियाएं और वैभव प्रदर्शन व्यर्थ हैं। उन्होंने सिद्ध चक्र विधान की महत्ता बताते हुए कहा कि यह आत्मशुद्धि का श्रेष्ठ मार्ग है और सभी को इस अवसर का भरपूर लाभ लेना चाहिए।
आर्यिका संघ के विहार में गुरु सेवा संघ के सदस्य – मनोज पाटनी, अशोक सबदरा, राजेश मंगलम, सुदर्शन, संदीप, शुभम – सहित अनेक महिलाएं उपस्थित रहीं। पूज्य आर्यिका संघ का चातुर्मास विज्ञान नगर, कोटा में होगा। गुरु पूर्णिमा महोत्सव 10 जुलाई को तथा चातुर्मास कलश स्थापना समारोह 13 जुलाई को आयोजित किया जाएगा।