(महेन्द्र नागौरी)
भीलवाड़ा/स्मार्ट हलचल/जिले के दरीबा और कोटडी गांव के निवासीयो ने अवैध शराब की दुकानों के खिलाफ एकजुट हो गए हैं और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों और महिला सुरक्षा के संबंध में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है।
अवैध शराब की दुकानें: ललित सुवालका को जिंदल रोड पर स्थित एक दुकान के लिए शराब बिक्री का लाइसेंस जारी किया गया था, लेकिन इसका उपयोग अवैध रूप से अन्य स्थानों पर किया जा रहा है।
क्षेत्र में अपराध: अवैध शराब की दुकानों के कारण क्षेत्र में शराबियों के बीच लड़ाई-झगड़े की वारदातें बढ़ गई हैं और महिलाओं के साथ अप्रिय घटनाएं घटने की संभावना लगातार बनी रहती है।
ग्रामीणों की मांग: ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से अपील की है कि वे ललित सुवालका द्वारा अवैध रूप से संचालित दुकानों को बंद करने हेतु आदेश प्रदान करें।आवश्यक कार्रवाई:
आबकारी विभाग की जांच: आबकारी विभाग को ललित सुवालका द्वारा अवैध रूप से संचालित दुकानों की जांच और आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।
पुलिस कार्रवाई: पुलिस को अवैध शराब की दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखनी चाहिए।
जिला प्रशासन की निगरानी: जिला प्रशासन को अवैध शराब की दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की निगरानी करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनी रहे।
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भीलवाड़ा / जिले के दरीबा और कोटडी गांव के निवासियों ने प्रशासन से देर रात (रात 11-12 बजे) तक अवैध रूप से संचालित शराब की दुकानों को बंद कराने की पुरजोर मांग की है। ग्रामीणों ने इस संबंध में जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों और महिला सुरक्षा के संबंध में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है।
ज्ञापन में बताया गया है कि आबकारी विभाग द्वारा ललित सुवालका पुत्र रतन लाल सुवालका, निवासी बछखेड़ा के पक्ष में शराब बिक्री हेतु लाइसेंस जारी किया गया था। यह लाइसेंस जिंदल रोड पर स्थित एक दुकान के लिए था, लेकिन इसका उपयोग अवैध रूप से जिंदल रोड के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर किया जा रहा है। विशेष रूप से, ग्राम दरीबा में एक दुकान और माताजी का खेड़ा में एक दुकान, तथा ग्राम कोटडी में दो दुकानें और कोटडी चौराहे पर एक दुकान, एवं किशनपुरा रोड पर इसी लाइसेंस से अवैध रूप से संचालित की जा रही हैं।
इन अवैध दुकानों के कारण क्षेत्र में शराबियों के बीच लड़ाई-झगड़े की वारदातें बढ़ गई हैं। इसके अलावा, गांव की महिलाओं के साथ अप्रिय घटनाएँ घटने की संभावना लगातार बनी रहती है। यदि इन अवैध दुकानों को बंद नहीं किया गया, तो गांव में गंभीर वारदातें हो सकती हैं।
ललित सुवालका द्वारा अवैध रूप से संचालित ठेकों के विरुद्ध ग्रामवासियों द्वारा कई बार राजस्थान जन संपर्क पोर्टल पर शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। आबकारी विभाग के कर्मचारियों को पूर्व सूचना मिलने पर ललित सुवालका अपनी दुकानें बंद कर देता है, और बाद में विभाग को खुली दुकान न मिलने पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती।
ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से अपील की है कि वे इस प्रार्थना पत्र पर शीघ्र अतिशीघ्र कार्रवाई करते हुए ललित सुवालका द्वारा अवैध रूप से संचालित दुकानों को बंद करने हेतु आदेश प्रदान करें।