जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार सिक्किम भले ही भारत का सबसे छोटा राज्य हो लेकिन सिक्किम मत्स्य पालन के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ‘गोले’ ने जानकारी दी है कि राज्य में मत्स्य पालन क्षेत्र फल-फूल रहा है और 2,000 से ज़्यादा परिवार मछली पालन से जुड़े हुए हैं।
मत्स्य पालन देश में स्वरोजगार, खाद्य सुरक्षा और स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन गया है
राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस पर अपने संदेश में, तमांग ने कहा कि यह क्षेत्र स्वरोजगार, खाद्य सुरक्षा और स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन गया है। 10 जुलाई को देश भर में मत्स्य पालन दिवस मनाया गया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछुआरों को मंदी के मौसम में भी आजीविका चलाने के लिए सहायता मिलती है। मत्स्य पालन मंत्रालय द्वारा प्राप्त डेटा के अनुसार 594538 परिवारों को मंदी के मौसम में सरकारी लाभ मिलता है। सिक्किम के मुख्यमंत्री तमांग ने कहा कि सिक्किम के युवाओं की आधुनिक जलीय कृषि तकनीकों को अपनाने में बढ़ती रुचि दिख रही है, जो मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है।
केंद्र सरकार की परियोजना के तहत जैविक मछली पालन शुरू करने की राज्य सरकार की योजना किसानों के लिए नए अवसर पैदा करेगी
केंद्र सरकार की परियोजना के तहत जैविक मछली पालन शुरू करने की राज्य सरकार की योजना किसानों के लिए नए अवसर पैदा करेगी। केन्द्र व राज्य सरकार के समर्थन ने मत्स्य पालकों को नये कमाई के आयाम से जोड़ा है, उन्होंने आगे कहा, मछली पालन कई लोगों के लिए एक लाभदायक और स्थायी आजीविका बन गया है, जो राज्य की प्रगति में योगदान दे रहा है।
भारत के मत्स्य उत्पादन में दोगुना से अधिक की बढ़ोतरी
भारत ने मत्स्य पालन क्षेत्र में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। 2015 से, भारत सरकार ने इस क्षेत्र में ₹38,500 करोड़ से अधिक का निवेश किया है। परिणामस्वरूप, राष्ट्रीय मत्स्य उत्पादन में 104% की प्रभावशाली वृद्धि देखी गई है, जो वित्त वर्ष 2013-14 में 95.79 लाख टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 195 लाख टन हो गया है। अकेले अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में 140% की वृद्धि हुई है, जो भारत के जल संसाधनों की क्षमता और केंद्रित नीतिगत पहलों के प्रभाव को रेखांकित करती है।
भारत के समुद्री खाद्य निर्यात ने भी जबरदस्त सफलता पाई है, जो 60,500 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है और झींगा निर्यात में देश वैश्विक नेतृत्व की पुष्टि करता है
भारत के समुद्री खाद्य निर्यात ने भी जबरदस्त सफलता पाई है, जो 60,500 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है और झींगा निर्यात में देश के वैश्विक नेतृत्व की पुष्टि करता है। पिछले एक दशक में झींगा उत्पादन में 270% की वृद्धि हुई है, जिससे व्यापार रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं और देश भर में मछुआरा समुदायों को सशक्त बनाया गया है।