दहशत में नन्हे बच्चों के अभिभावक,हादसे के डर से नहीं भेजते आंगनबाड़ी..56 के नामांकन में सिर्फ 10 बच्चे।
हादसे के इंतजार में प्रशासन,गांव के वाशिंदों ने आंगनबाड़ी भवन बनाने की मांग।
(किशन वैष्णव)
शाहपुरा@स्मार्ट हलचल/राजस्थान सरकार ग्रामीण क्षेत्र में विकास और अंतिम छोर तक विकास योजनाओं द्वारा सुख सुविधाएं पहुंचने के नाम पर कई योजनाएं निकाल कर आंकड़े तो प्रदर्शित कर रही है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विकास करने की बड़ी बड़ी बाते ओर योजनाएं तो निकाल रही है लेकिन जमीनी स्तर पर आमजनता को उसका कोई फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा है।सरकारी आंकड़े केवल ढकोसले मात्र प्रतीत हो रहे है जो यहां स्पष्ट दिखाई दे रहे है।ग्राम पंचायत खामोर के राजस्व गांव रामपुरा व बहका खेड़ा के वाशिंदों के लिए आज तक आंगनबाड़ी केंद्र का भवन निर्माण नहीं हुआ है यहां के नन्हें मुन्ने बच्चे व आंगनबाड़ी कर्मचारी सामुदायिक भवन में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र की वैकल्पिक व्यवस्था से समय निकाल रहे हैं वो भी बारिश में सरकारी तंत्र व व्यवस्था की पोल खोलता दिखाई दे रहा है।रामपुरा में 2009 में पंचायतीराज विभाग द्वारा निर्मित सामुदायिक भवन का एक कमरा व एक बरामदा स्थापित है इसके हालत ऐसे है जो सरकारी वैकल्पिक व्यवस्था की पोल खोल रहा है।सामुदायिक भवन बच्चों की जान पर जोखिम बना हुआ हैं।बारिश में पूरी छत टपकती हैं छत पर डाली आरसीसी अधरझूल में है जिसके सरिए जंग खा रहे हैं तथा गिरने जैसी स्थित बनी हुई हैं बारिश में बैठने की भी व्यवस्था नहीं है।आंगनबाड़ी कर्मचारी खुद की व बच्चों की जान की परवाह किए बिना अपनी नौकरी व सरकारी लड़खड़ाती व्यवस्था को संभाल रही हैं।सामुदायिक भवन में संचालित हो रही आंगनबाड़ी कभी भी धराशाही हो सकती हैं बच्चों के साथ कभी भी अनहोनी हो सकती हैं लेकिन महंगी कुर्सी पर बैठे महंगे अफसरों को जरा सी भी चिंता नहीं है।सामुदायिक भवन की पर्सी टूटी हुई हैं बरामदे में खड़े हो रहे थे खंभों में दरारें पड़ रही है छत पूरी तरह अधरझूल में है कभी भी हादसा हो सकता हैं।आंगनबाड़ी कर्मचारियों से जब जानकारी ली गई तो बताया गया कि उच्च अधिकारियों को काफी बार कहने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई।वही वार्ड मेंबर धर्मा गुर्जर ने बताया कि ग्रामीणों में भारी रोष है कि सरकार ओर प्रशासन नन्हें बच्चों की सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं दे रहा है।ग्रामीण जीवराज गुर्जर ने बताया कि हमारे बच्चों के लिए सामुदायिक भवन जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहा है खतरा है।अगर जल्द कार्यवाही नहीं हुई ओर कोई हादसा हुआ तो प्रशासन इसका जिम्मेदार होगा।वही बहका खेड़ा निवासी कैलाश भील का कहना है कि आखिरकार राजनेता और प्रशासनिक तंत्र ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान क्यों नहीं देता।हमारे बच्चों के सिर पर खतरा मंडरा रहा है लेकिन सरकार हादसे की राह देख रही हैं।