Homeराजस्थानअलवरचार सूत्रीय मांगों को लेकर क्षेत्रीय विधायक, कलेक्टर,दूर संचार विभाग के नाम...

चार सूत्रीय मांगों को लेकर क्षेत्रीय विधायक, कलेक्टर,दूर संचार विभाग के नाम नायब तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

मांगे पूरी नहीं हुई,तो विशाल धरना प्रदर्शन की खुली चेतावनी।

यहां मोबाइल से बात करने के लिए लोगो को छतो पर जाना पडता है। या फिर कही निर्धारित स्थान पर रखना पड़ता है मोबाइल,

अजीम खान चिनायटा

करणपुर/स्मार्ट हलचल|एग्री ब्लड फाउंडेशन टीम व युवा टीम वर्ग के संयुक्त तत्वाधान में चार सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को क्षेत्रीय विधायक,कलेक्टर व दूर संचार विभाग के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया। इसमें विभिन्न मूलभूत मांगों को लेकर करणपुर पेट्रोल पंप से रैली निकालकर नारेबाजी करते हुए मुख्य बाजार होकर उप तहसील कार्यालय तक पहुंचे जहां नायब तहसीलदार की अनुपस्थिति में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (बाबू) राकेश मीणा को ज्ञापन देकर निम्न चार सूत्रीय मांगों को जल्द संज्ञान में नहीं लाया गया तो जल्द विशाल धरना प्रदर्शन की खुली चेतावनी दी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि करौली जिले में तीसरे लोक से पहचान बनाने बाला करणपुर कस्बा आज भी सुविधाओं से कोसो दूर है। भले ही आदमी चांद पर पहुंच गया दुनिया साइबर युग में जी रही है। रिश्ते ऑनलाइन तय हो रहे हैं। लेकिन करणपुर क्षेत्र की कई पंचायते आज भी ऐसी है जहाँ बिजली पानी और सड़क जैसी सुविधाएँ नही है मध्यप्रदेश की सीमा से सटे करणपुर क्षेत्र में नौ ग्राम पंचायत आती है। जिनमे राहिर,दौलतपुरा,निभैरा,बहादुरपुर तो डांग क्षेंत्र मे शामिल है। जबकी पांच ग्राम पंचायत करणपुर,महाराजपुरा,नानपुर,टोडा,कसेड आदि करणपुर घाटी के नीचे आती है। इनका ज्यादातर हिस्सा डांग क्षेत्र में आता है जिसमें करणपुर क्षेत्र भी सम्मिलित है। करणपुर क्षेत्र में करीब सैंकड़ों गांव बसे हुए हैं। यह क्षेत्र पहाड़ी एवं बीहड़ों वाला क्षेत्र है। जिसके काफी बड़े हिस्से में चंबल के बीहड़ आते हैं। इस क्षेत्र को विकास की दृष्टि से देखा जाए तो अत्यंत ही पिछड़ा क्षेत्र है। जिसमें मूलभूत सुविधाओं का भारी अभाव है। इस क्षेत्र की स्थिति को अलग अलग भागों में इस प्रकार देखा जा सकता है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि चुनावो के दौरान बड़े-बड़े वादे कर जाते है। लेकिन सुविधाएँ जस की तस है। उनके तो वादे है वादो का क्या…?

नेटवर्क की स्थिति : आज का युग डिजिटल युग है, का जमाना है लेकिन करणपुर क्षेत्र मे 30 किमी दूरी के आस पास कोई नेटवर्क नही लोग मध्यप्रदेश की सीमा मे लगे नेटवर्क यहा काम करते है जिसमें गांवों से लेकर शहरों तक अधिकांश कार्य मोबाइल एवं इंटरनेट के माध्यम से होते हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से संबंधित लगभग सभी दस्तावेज ऑनलाइन या ये कहें की इंटरनेट के माध्यम से बनाए जाते हैं यहां तक कि हम ये कहें कि कहीं जाने आने के लिए बस, ट्रेन या फ्लाइट की टिकट भी इंटरनेट के माध्यम से बुक की जाती है। अतः हम ये कह सकते हैं कि आज के समय में बिना मोबाइल या इंटरनेट के जीवन अधूरा सा है। लेकिन दुनिया के इस डिजिटल युग में आज भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां इंटरनेट सुविधा तो बहुत दूर की बात मोबाइल नेटवर्क तक नहीं आते हैं। राजस्थान के करौली जिले का करणपुर क्षेत्र उन क्षेत्रों में से एक है जहां आज भी नेटवर्क सुविधा उपलब्ध नहीं है। विश्व जहां इंटरनेट की 5G की स्पीड से भी आगे जाने की तैयारी में है वहीं यह करणपुर क्षेत्र आज भी सिर्फ मोबाइल नेटवर्क के लिए जूझ रहा है। करणपुर क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सुविधा नहीं होने के कारण यहां निवासरत ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस क्षेत्र में आज भी मोबाइल को अपने घर की छत पर या किसी स्थान विशेष पर रखना पड़ता है। ताकि कोई कॉल करने पर मध्यप्रदेश की सीमाओ के नेटवर्क काम कर सकें। इस क्षेत्र में यह हालात सिर्फ नेटवर्क की है इंटरनेट की सुविधा तो इस क्षेत्र में बिल्कुल शून्य है। किसी अतिआवश्यक कार्य के लिए आसपास के सबसे ऊंचे स्थान पर जाना पड़ता है ताकि वहां इंटरनेट की थोड़ी बहुत स्पीड आ सके और कार्य हो सके लेकिन फिर भी कई बार इंटरनेट असुविधा की वजह से कई कार्य नहीं हो पाते हैं। मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट की उचित सुविधा नहीं होने की वजह से काफी बार ग्रामीणों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रसूताओ के लिए अस्पताल तक ले जाने के लिए 108 नंबर पर डायल करते ही राजस्थान की वजाय मध्यप्रदेश मे काॅल लगती है। जिससे आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस से संपर्क नहीं हो पाता है ऐसा नहीं है कि इस क्षेत्र के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन, जन प्रतिनिधियों और सरकार के समक्ष अपनी परेशानी को नहीं रखा हो लेकिन अभी तक हर जगह से सिर्फ आश्वासन मिलते आए हैं समस्या के समाधान के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं हुआ है।

 

चिकित्सा : चिकित्सा की स्थिति शिक्षा की स्थिति से भी बदतर है। यह क्षेत्र डांग क्षेत्र के अंदर आता है और इसके अधिकतर हिस्से में जंगल, पहाड़ एवं चंबल के बीहड़ हैं। इस क्षेत्र के लगभग सैंकड़ों गांवों के बीच एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) है। जिसको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हुए करीब 12- 14 साल हो गए लेकिन अभी तक मोर्चरी,स्टाफ के लिए क्वार्टर रूमों की व्यवस्थाएं नही है। अगर कोई गंभीर मरीज आ जाता है तो उसको उचित सुविधा नही होने की वजह से जिला मुख्यायल रैफर कर दिया है। जिसकी इस क्षेत्र से दूरी लगभग 60 से 70 किलोमीटर है। इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए डिलिवरी केस काफी जोखिम भरा रहता है। इस क्षेत्र में पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था और साधन व्यवस्था नहीं होने के कारण जच्चा बच्चा की जान हमेशा जोखिम में रहती है।

इस क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का काफी अभाव है,

परिवहन सेवा : करणपुर से जिला मुख्यालय की दूरी करीब 60-70 किमी. है। लेकिन यहा से जिला मुख्यालय तक जाने इतना समय लगता है उतने समय मे तो आदमी करौली से जयपुर पहुंच सकता है क्योकि यहा टूटी जर्जर हालत मे सड़क होने से रोडवेज विभाग ने परिवहन बसें पूरी तरह लगभग 5- 7वर्ष से बंद कर रखी है जिससे लोगो को जाने आने के लिए किसी भी प्रकार के सरकारी वाहनों की सुविधा नहीं है ऐसी स्थिति में क्षेत्रवासियों को अपनी जान जोखिम में डालकर डग्गेमार वाहनों से यात्रा करनी पड़ती है जो कि किराया भी अधिक वसूलते हैं। एवं क्षमता से अधिक यात्री भी लेकर जाते हैं।
मौके पर मौजूद नासिक मीना, सतीश नापित घुसई, शेरसिंह बैरवा करनपुर, राहुल नौनेटा चिरचिरी, काडू महल, नीतेश डंगरिया, व अन्य समस्त बुजुर्ग,युवा टीम करणपुर उपस्थित रहे।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
news paper logo
AD dharti Putra
logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES