सुनील बाजपेई
कानपुर।स्मार्ट हलचल|उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रभान गुप्त अपने जीवन भर सादगी सेवा और ईमानदारी का प्रतीक रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में जनता की सेवा करने में भी कोई कसर नहीं रखी ,जिसके लिए उनके कार्यकाल को सदैव याद रखा जाएगा । यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्व० चन्द्रभान गुप्त के 124 वीं जयन्ती पर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हिन्दी मजदूर किसान पंचायत के राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश महामंत्री राकेशमणि पाण्डेय ने कहा कि आज के दौर में नेताओं में अपनी पुश्तों दरपुश्तों की व्यवस्था में लगे हैं और इन्तजार करते है कि उनके खानदान का कोई व्यक्ति या बच्चा कैसे 18 वर्ष का हो उसे विधायक व सांसद बनाया जा सकें। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री और सफल राजनेता रहे स्व० चन्द्रभान गुप्त ने अपने राजनैतिक काल में परिवार को राजनीति में दखल करने का कोई अवसर नहीं दिया।
यहां तक की अपने निजी आवास तक को अस्पतालो को दान कर दिया।
अपने कार्यालय में आयोजित स्व० चन्द्रभान गुप्त के 124 वीं जयन्ती पर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेश मणि पांडेय ने कहा कि अब चंद्रभान गुप्त जैसे राजनेता अब नहीं के बराबर रह गये है।
देश और समाज हित में उनके कृतित्व और व्यक्तित्व की गहन चर्चा करते हुए चर्चित श्रमिक नेता राकेश मणि पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री राजनेता चंद्रभान गुप्त परिवारवाद, जातिवाद और धनवाद के खिलाफ थे जबकि आज के नेताओं में इसका लालच कूट कूट कर भरा है।
हिंद मजदूर किसान पंचायत की वरिष्ठ पदाधिकारी राकेश मणि पांडेय ने यह अभी कहा कि हम अपने पूर्वजों के आर्दशों को खोते जा रहे है। लखनऊ को एक वैभवशाली क्षेत्र के रूप में विकसित करने का काम स्व० चन्द्रभान गुप्त जी ने किया और तमाम स्थलों को मोतीलाल ट्रस्ट बनाकर निर्माण किया। चन्द्रभान गुप्त ने लखनऊ को एक अलग पहचान दी। उनके द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में मनोरंजन के क्षेत्र में और रोजगार के क्षेत्र में हस्त उद्योग के क्षेत्र में तमाम योजनाएं किया, जो आज लखनऊ के विकास की नींव है।
उन्होंने कहा कि चन्द्रभान गुप्त के नाम पर डाक टिकट जारी कर राजनाथ सिंह ने एक सराहनीय कार्य किया है किन्तु लखनऊ में उनके आदर्शों और विचारो के युक्त एक संग्रहालय की स्थापना की जानी चाहिए।
चर्चित श्रमिकनेता राकेश मणि पांडेय के मुताबिक हिन्द मजदूर किसान पंचायत जल्द ही चन्द्रभान गुप्त विचार गोष्ठी लगभग 15 दिनों का चलाने का कार्य प्रारम्भ कर रही है। जिसमें उनके समस्त कृत्यों आदि पर चर्चा करके नई पीढ़ी को एक अवसर प्रदान करेंगी कि वह समाज व देश प्रदेश की सेवा के लिए कृत्य संकल्पित हों।
चन्द्रभान गुप्त सदैव महंगे चुनाव और चुनाव में धन की महत्वता को समाप्त करने की मोहिम में लगे थे। वह चाहते थे कि समाज के ऊर्जावान, योग्य और प्रतिभाशाली बिना किसी धनबल के चुनाव में उतरे और उन्हे सफलता मिले जिससे समाज एक बहतर रूप से विकसित हो सकें। वह प्रलोभन से भी घृणा करते थे। उनकी उपेक्षाये शिक्षा के प्रति अति संवेदनशील थी। इसके लिए कई शिक्षक संस्थाएं भी उनके द्वारा योजित की गयी थी, वह चाहते थे कि एक समान शिक्षा सरकारी माध्यम से बहतर शिक्षा संस्थानों के उपयोग से देश को सुदृढ़ व प्रतिभाशाली बनाया जा सकता है। आज की पीढ़ी को उनके मूल्यों को जानने की आवश्यकता है, जिसके लिए हिन्द मजदूर किसान पंचायत पहल करेंगी।