इंजीनियर रवि मीणा
कोटा :स्मार्ट हलचल|नगर निगम कोटा दक्षिण के 34 कांग्रेस पार्षदों द्वारा जारी संघर्ष का आज 11वां दिन और आमरण अनशन का दूसरा दिन रहा। उपमहापौर पवन मीणा के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन को आज पूर्व विधायक एवं लोकसभा प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल ने धरनास्थल पहुंचकर समर्थन दिया। उनके साथ शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रविंद्र त्यागी भी मौजूद रहे। प्रहलाद गुंजल ने कहा, “ऐसा लगता है जैसे शासन की संवेदनाएं मर चुकी हैं। कांग्रेस पार्षदों को अपने वार्डों में विकास कार्यों के लिए आमरण अनशन करना पड़ रहा है, इससे शर्मनाक स्थिति कोई और नहीं हो सकती। भाजपा के शासन में यह हाल है कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों को अपने मतदाताओं के हक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस स्थिति के लिए भाजपा के सांसदों और विधायकों को जनता के सामने जवाब देना होगा। उपमहापौर पवन मीणा ने कहा, “हम 11 दिनों से लोकतांत्रिक मर्यादाओं में रहकर अपनी मांगों को प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, परंतु अभी तक किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने बातचीत तक नहीं की। कल से हमने आमरण अनशन शुरू किया है, जिसमें 12 पार्षदों ने अन्न-जल त्याग दिया है।” धरना स्थल पर मौजूद जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के पार्षदों के साथ लगातार भेदभाव हो रहा है। “कोटा शहर की समस्याएं किसी से छिपी नहीं हैं। बारिश में सड़कों की दुर्दशा, पानी भराव और जनहानि तक हो गई है। अगर शहर का विकास रोका गया, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।” आमरण अनशन पर बैठे पार्षदों में शामिल हैं: उपमहापौर पवन मीणा, देवेश तिवारी, इसरार मोहम्मद, धनराज चेची, अंशु श्रृंगी, कुलदीप गौतम, अनुराग गौतम, कुलदीप प्रजापति, सोनू अब्बासी, बबलू कसाना, सोनू भील, दीपक कुमार। अन्य प्रमुख उपस्थितजन:
पार्षद शालिनी गौतम, सुमन पेशवानी, इरफान घोसी, मोनिका विजय, पिंकी प्रजापति, कपिल शर्मा, सलीना शेरी, योगेंद्र शर्मा, प्रफुल्ल पाठक, मोहन नंदवाना, साहिब हुसैन, मनोज गुप्ता।
शहर जिला कांग्रेस महासचिव विजय गुप्ता, सोशल मीडिया प्रभारी ललित सरदार, शहर उपाध्यक्ष प्रमोद त्रिपाठी, ब्लॉक अध्यक्ष जोंटी बीरवाल, जयेश श्रृंगी, सेवादल अध्यक्ष प्रेम लहरिया, राजकुमार बोयत, हंसराज गोस्वामी, अब्दुल हमीद गौड़ समेत बड़ी संख्या में कांग्रेसजन धरना स्थल पर मौजूद रहे।
धरना स्थल से यह स्पष्ट संदेश जा रहा है कि विकास के लिए कांग्रेस पार्षदों का संघर्ष अभी जारी रहेगा, और यदि प्रशासन ने शीघ्र समाधान नहीं किया तो यह आंदोलन बेमियादी रूप भी ले सकता है!!!