बाग के बालाजी में चातुर्मास के दौरान धर्मसभा में उमड़े श्रद्धालु
काछोला 21 जुलाई-स्मार्ट हलचल|यह सारा संसार असत्य,अस्थिर,और नाश्वान है,यह बदलता रहता है,जो आज वह कल नही होगा।इस मृत्य लोक में कोई भी वस्तु स्थिर नही है।यहां हमे जो कुछ भी दिखाई दे रहा है वह बादलों की तरह है,उसकी तरह कोई स्थिर अवस्था नही रहता यह बात चातुर्मास बाग के बालाजी परिसर श्रीराम सत्संग भवन में आचार्य स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज ने धर्मसभा में कही उन्होंने कहा कि जो बना है वह एक दिन जरूर नष्ट होगा।यह संसार स्वप्न मात्र है,यह सपने की बाजी की तरह है,यहां संयोग वियोग के सिद्धांत के अनुसार ही जीव मिलते और बिछड़ते है,और कहा कि इस संसार मे हमे जो कुछ दिखाई देता है वह सब नाश्वान है अर्थात इस संसार की हर वस्तु ही क्षणभंगुर है।यहां हमारे जो बड़े बड़े कारखाने, कोठिया,कारे, बैंक बैलेंस,सोना,चांदी आदि उनको पहनने वाले परिजन भी और यह शरीर भी नष्ट हो जाना है और कहा कि जब संसार मे जब कोई स्थिर नही और जब होनी होकर ही रहनी है तो फिर चिंता किस बात की,यह शरीर यह संसार सब मिथ्या इसमें केवल राम और राम का अंश जो कि देह में विराजमान है। उसको पहचानो और हरि के गुण गाओ और उसमें लीन हो जाओ भजन सिमरन द्वारा हरि स्मरण करते रहे यही शास्वत सत्य है।इससे पूर्व महाराज श्री का आयोजक कमेटी के डॉ कैलाश चन्द्र वैष्णव,घनश्याम पोरवाल,सूर्यकांत त्रिवेदी,रामचन्द्र लढा,बंशी लाल व्यास,भैरु लाल मंत्री ने श्रीफल भेंट कर स्वागत किया।