मुकेश खटीक
मंगरोप।मंडपिया गांव के दो सगे भाइयों ने एक ऐसा संकल्प लिया है, जो आज युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता जा रहा है। निर्भय पाराशर (25) और गणेश पाराशर (22) ने गौ माता को दर-दर भटकने से बचाने और उन्हें स्थायी आश्रय दिलाने के लिए हरिद्वार से हरणी महादेव तक 800 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की है।यह यात्रा 7 जुलाई को हरिद्वार से शुरू हुई, जिसमें दोनों भाइयों ने कावड़ लेकर यह हुंकार भरी –”जब लोग मौन हैं, तब कुछ संकल्प गूंज बन जाते हैं!”हरिद्वार की इस गूंज ने अब राजस्थान की भूमि को भी झकझोर कर रख दिया है।पदयात्रा के दौरान दोनों भाई न केवल धार्मिक स्थलों पर जलाभिषेक कर रहे हैं।बल्कि गांव-गांव शहर-शहर जाकर लोगों को गौसेवा का महत्व भी समझा रहे हैं। गौवंश की दुर्दशा और गौवध के खिलाफ जागरूकता फैलाने के साथ-साथ युवाओं को हिंदू धर्म और संस्कृति से जुड़ने का आह्वान कर रहे हैं।गौभक्त निर्भय पाराशर बताते हैं कि वे पिछले दो वर्षों से गौसेवा से जुड़े हैं। उन्होंने बताया जब भी मैं किसी गौवंश को सड़कों पर भटकते देखता हूं तो आंखों से आंसू बहने लगते हैं।हम जीवन के हर क्षण में गाय के दूध और उसके उत्पादों का उपयोग करते हैं, लेकिन जब वह बूढ़ी या दुग्ध देना बंद कर देती है, तो उसे सड़क पर छोड़ दिया जाता है। यह अत्यंत पीड़ादायक है।उन्होंने कहा कि गाय का स्थान सड़क नहीं, बल्कि घर का आंगन होना चाहिए,जहां वह ममता की छांव बिखेर सके।उन्होंने बताया कि पिछले साल सावन में उन्होंने उज्जैन से हरणी महादेव तक पदयात्रा की थी और इस बार यह यात्रा और भी व्यापक और उद्देश्यपूर्ण बन गई है।इस पवित्र यात्रा का समापन 4 अगस्त को हरणी महादेव मंदिर में जलाभिषेक के साथ होगा। यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले हर शिव मंदिर में जल अर्पित किया जा रहा है।निर्भय और गणेश की यह पहल न केवल गौमाता के प्रति उनकी श्रद्धा को दर्शाती है, बल्कि समाज के सामने एक बड़ा संदेश भी देती है –”गौ माता की सेवा,संस्कृति की रक्षा।”