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बारिश में दाह संस्कार की दुर्दशा अंतिम संस्कार पर भारी बारिश की मार

ग्राम सहसन में शवों के अंतिम संस्कार के लिए भी नहीं है छत

रेखचन्द्र भारद्वाज

जुरहरा, जिला डीग: स्मार्ट हलचल|सरकार भले ही डिजिटल इंडिया और स्मार्ट गांवों की बातें करे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है जुरहरा थाना क्षेत्र के गांव सहसन में एक महिला की मौत के बाद बारिश के बीच छत विहीन मोक्षधाम में उसका अंतिम संस्कार करना पड़ा। सिस्टम की नाकामी के कारण शव का अंतिम संस्कार बारिश में भीगते हुए करना पड़ा जो सरकार के दावों की पोल खोलता है। मामला डीग जिले के जुरहरा थानाक्षेत्र के ग्राम सहसन का है। जुरहरा कस्बा क्षेत्र के ग्राम सहसन में करीब 500 से 600 हिन्दू परिवार रहते हैं लेकिन गांव के श्मशान घाट की स्थिति बड़ी ही चिंताजनक है। यहां के शमशान घाट में न तो टीनशेड है और न ही कोई अन्य व्यवस्थाएं हैं जिससे बारिश के मौसम में लोगों को दाह संस्कार आराम से हो सके। गांव में हिन्दू परिवार में किसी की मृत्यु हो जाने पर शव का अंतिम संस्कार करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को गांव सहसन में एक महिला की मृत्यु होने पर श्मशान में अंतिम संस्कार के दौरान बारिश से भीगती चिता और बारिश में त्रिपाल ओढ़कर बचाव करते हुए लोगों का एक वीडियो शोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे एक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि चिता बारिश से भीग रही है और ग्रामीण त्रिपाल की मदद से बारिश से बचने का प्रयास कर रहे हैं। बारिश की बूंदों के बीच खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार करने की यह स्थिति स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है। जबकि राज्य सरकार प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का दावा करती है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। शमशान घाट जैसी आवश्यक सुविधाओं का विकास न होना स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर समस्या बन गया है। इस मामले में अभी तक प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस समस्या को ग्राम पंचायत प्रशासन के सामने उठाया है लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं निकला है। वहीं इस बारे में ग्राम पंचायत सहसन के सरपंच प्रतिनिधि जुबेर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव के श्मशान में चबूतरा बना हुआ है और श्मशान की बाउन्ड्री का कार्य बारिश के कारण अधूरा पड़ा हुआ है जिसे बारिश के बाद जल्द ही पूरा करा दिया जाएगा। यहां गौर करने की बात यह है कि गांव में इतनी बड़ी हिन्दू आबादी होने के बावजूद गांव के श्मशान में छतरी तक की व्यवस्था नहीं है साथ ही अन्तिम संस्कार में शामिल होने के लिए आने वाले लोगों के बैठने की भी व्यवस्था नहीं है जो आज के इस दौर में बड़े शर्म की बात है। एक ओर हम चांद पर पहुंचने की बात करते हैं और दूसरी ओर व्यक्ति के अंतिम संस्कार के समय में उसे छत की व्यवस्था भी नहीं कर पा रहे हैं। मोक्षधाम जैसे पवित्र स्थल को लेकर प्रशासन की लापरवाही जनभावनाओं को आहत कर रही है। जिम्मेदारों के लिए डिजिटल इंडिया की तस्वीर तब ही सच्ची होगी जब गांवों के मोक्षधाम भी सुविधाओं से युक्त होंगे ताकि मृतकों को सम्मानजनक विदाई और परिजनों को कठिन समय में सहूलियत मिल सके।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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