आसींद / मोड़ का निंबाहेड़ा, सुरेश चंद मेघवंशी । कुछ दिन पूर्व राजस्थान के झालावाड़ स्कूल में हुए हादसे के बाद भी शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय की वास्तविक स्थिति एवं जर्जर बिल्डिंग पर ऐसा कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है , कुछ दिन पूर्व भीलवाड़ा जिला कलेक्टर के आदेश की स्थानीय प्रशासन ने पालन तो की लेकिन वास्तविक रिपोर्ट जिला मुख्यालय को नहीं भेजी , जिसके चलते भीलवाड़ा जिले के मांडल पंचायत समिति क्षेत्र की आलमास ग्राम मुख्यालय पर मात्र 4 माह पूर्व बने नवीन बिल्डिंग में ठेकेदार एवं स्थानीय प्रशासन ने बेहद घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग करते हुए बच्चों की जिंदगी से खेलने में कोई और कसर नहीं छोड़ी , जिला मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (dmft)एवं शिक्षा विभाग की योजनाओं से बनाए गए चार कमरे चार माह में भी जर्जर हो गए हैं।
4 महीने पूर्व इन कक्षा कक्षों का निर्माण किया गया , पूरे स्कूल भवन में बेहद घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग गया किया गया स्कूल भवन की छत पर ठेकेदार ने सीमेंट की जगह मिट्टी और कंक्रीट डाल दी , जिससे पूरी छत ही उखड़ गई है । जिसके चलते बड़ा हादसा होने की संभावना बन गई है घटिया निर्माण सामग्री की जानकारी जैसे ही ग्रामीण को मिली स्थानीय ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन एवं ठेकेदार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की वही ठेकेदार ने लाखों रुपए की लागत से बनाए गए कमरे चार महीने में ही जर्जर हो गए हैं , कमरे के ऊपर की बनी छत से मिट्टी ऐसे ही उखड़ रही है कहीं विद्यार्थी यहां शिक्षा के लिए आते हैं अब ग्रामीण बोले इस प्रकार की घटिया निर्माण सामग्री से बने स्कूल भवन में हम बच्चों को नहीं भेजेंगे लोगों ने कई बार शिक्षा विभाग से संपर्क कर शिकायत की लेकिन शिक्षा विभाग ने लगातार ग्रामीणों की शिकायत को अनदेखा करके करोड़ों रुपए की लागत से स्कूल शिक्षा भवन बदहाल व्यवस्था में हो गया है , यह सारा कार्य शिक्षा विभाग के स्थानीय प्रशासन एवं ठेकेदार की मिली भगत के चलते घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया ।