एक पेड़ माँ के नाम की जगह एक पेड़ खबर के नाम मे बदला अभियान…।
ओम जैन
शंभूपुरा।स्मार्ट हलचल|वैसे तो भाजपा के हालात प्रदेश में हो या जिले में अभी कुछ ठीक नही चल रहे लेकिन शंभूपुरा क्षेत्र तो भाजपा का गढ़ माना जाता था जिसमे पिछले कुछ समय से भाजपा को नुकसान पहुंचाने का काम किया कुछ लोगों ने वो भी अपने निजी स्वार्थ के पीछे, वही भाजपा के नाम पर सरपंच बने अजय चौधरी द्वारा पिछले लंबे समय से अपनी ही पार्टी से किनारा करना पार्टी को नुकसान पहुंचा ही रहा वहीं क्षेत्र में भाजपा में फूट साफ नजर आ रही है, बाबजूद इसके मण्डल महामंत्री बनने के बाद से ही राम प्रसाद जाट ने क्षेत्र में भाजपा को एकजुट करने का काम किया है, जिसका नतीजा हाल ही में देखने को मिला, जब क्षेत्र में पहली बार हुए इस भव्य आयोजन का श्रेय बालाजी ग्रुप नवयुवक मंडल, गोरक्षा दल के साथ ही विशेष रूप से भाजपा महामंत्री राम प्रसाद जाट ओर उनकी टीम को जाता है, जिन्होंने क्षेत्र में ना सिर्फ पहली बार ऐसा ऐतिहासिक कार्यक्रम करवाया बल्कि भाजपा को एकजुट कर पार्टी के लिए भी एक अच्छा सन्देश दिया जिससे आने वाले समय मे पार्टी और राम प्रसाद जाट दोनों को इसका फायदा मिलेगा, कार्यक्रम में सांसद जोशी के साथ पार्टी के सभी बड़े पदाधिकारी मौजूद रहे, लेकिन स्थानीय सरपंच अजय चौधरी का कही से कही तक मौजूदगी ना होना और पार्टी कार्यक्रमो के बाद अब क्षेत्र के पहले सबसे बड़े धार्मिक आयोजन से भी दूर रहना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है जिसका नुकसान आने वाले समय मे देखने को मिल सकता है।
फोटोग्राफी तक सीमित एक पौधा माँ के नाम कार्यक्रम
इधर सावा मण्डल ही नही सम्पूर्ण चित्तौड़गढ़ विधानसभा में एक पेड़ माँ के नाम अब सिर्फ एक पेड़ खबर के नाम बनकर रह गया, रविवार को जहां सांसद सीपी जोशी एव भाजपा पार्टी कार्यकर्ताओं का जहाँ शंभूपुरा में कावड़ यात्रा के दौरान मण्डल महामंत्री रामप्रसाद जाट एवं टीम ओर ग्राम वासियों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया वही इस कार्यक्रम के बाद सामरी में एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रम में पहुंचे सांसद एवं पार्टी पदाधिकारियों के स्वागत जितने लोग भी नही दिखे वही दूसरी ओर वहां 151 पौधे लगाने का दावा तब फेल साबित हुआ जब मौके पर 51 पौधे भी नही मिले, वही अखबारों में विधानसभा संयोजक द्वारा लगवाई गई खबरों में सावा मण्डल अध्यक्ष को उपस्थित के बाद भी उनका नाम काट दिया गया, जिसके बाद स्वयं संयोजक का नाम एक बड़े जनप्रतिनिधि की आईडी से उड़ा दिया जाना चर्चा का विषय बन है, जिससे यह अभियान एक पेड़ माँ के नाम की जगह एक पेड़ खबर के नाम बनकर रह गया है, चित्तौड़गढ़ विधानसभा में यह अभियान सिर्फ अखबारों और सोशल मीडिया पर खबरों तक ही सीमित रह गया और वो भी पूरी खबर में खबर कम और नाम अधिक देखने को मिल रहे जिससे अभियान के विधानसभा संयोजक की कार्यशैली भी सवालों के गेरे में है।