पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । शहर की गोकुलधाम कॉलोनी की गोपियों ने सावन और लहरिया उत्सव को धूमधाम से मनाया। इस उत्सव में डांस और प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें मिस लहरिया अविका सारस्वत को चुना गया।उत्सव में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और डांस तथा अन्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। शारदा सारस्वत, सुमित्रा पारीक, पुष्पा सोडाणी, योग्यता पालीवाल, आशा शर्मा, खुशबू बाहेती, रेखा जैन, प्रीति लाठी, लक्ष्मी कोठारी, कुसुम पारीक, मीनू पारीक, प्रियंका काबरा, आशिता राका और गुलशन बाफना जैसी महिलाओं ने उत्सव में शिरकत की। लहरिया राजस्थान की एक पारंपरिक वेशभूषा है, जो सावन के महीने में विशेष रूप से पहनी जाती है। यह न केवल एक परिधान है, बल्कि राजस्थान की संस्कृति और रंगों का प्रतीक भी है । लहरिया एक पारंपरिक परिधान है, जिसमें कपड़ों पर लहर की तरह रंग-बिरंगी लहर बनी होती है। यह विवाहित और अविवाहित दोनों महिलाओं द्वारा पहना जा सकता है। लहरिया की मांग सावन और तीज जैसे त्योहारों पर बढ़ जाती है, जब महिलाएं इसे पारंपरिक वेशभूषा के रूप में पहनती हैं।