भीलवाड़ा। श्री एकलिंग नाथ जी सेवा संस्थान द्वारा समाज की बैठक में कई अहम सामाजिक मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य समाज को प्रगतिशील दिशा में आगे बढ़ाना और पारंपरिक कुरीतियों से मुक्ति दिलाना रहा। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि आज के दौर में समाज को शिक्षा के क्षेत्र में और मजबूत होने की आवश्यकता है। इसके लिए छात्रों को प्रोत्साहित करना, उन्हें सम्मानित करना और उनके लिए मार्गदर्शन की व्यवस्था करना बेहद जरूरी है। बैठक में समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे मृत्यु भोज पर होने वाले अत्यधिक खर्च, शादियों में बढ़ते दिखावे, दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी बुराइयों पर गंभीर चर्चा हुई। इन पर नियंत्रण पाने और धीरे-धीरे समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया गया। श्री एकलिंग नाथ जी सेवा संस्थान द्वारा के सदस्यों ने यह भी सुझाव दिया कि विवाह और मृत्यु भोज जैसे आयोजनों को सरल और सादगीपूर्ण तरीके से मनाया जाए, ताकि अनावश्यक खर्च से बचा जा सके और गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ न बढ़े।
इसके साथ ही बैठक में यह भी कहा गया कि आने वाली पीढ़ी को शिक्षा और संस्कारों से सशक्त करना ही असली प्रगति है। इस दिशा में समाज के होनहार विद्यार्थियों को पहचानना, उन्हें मंच पर सम्मानित करना और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना समाज की प्राथमिकता होनी चाहिए। बैठक में श्याम सिंह चुण्डावत, विजयपालसिंह चौहान, पराक्रम सिंह छापडेल, भगवानसिंह जोधा, नरपतसिंह राठौड़, टिकुसिंह झीकरी, राजेन्द्रसिंह जामोली, जगदीश सिंह छापडेल, राजेन्द्रसिंह राणावत, रतनसिंह कानावत, शिवसिंह आमेसर, गिरवर सिंह शक्तावत, सोनसिंह नाथावत, सुरजीतसिंह गेन्दलिया, जितेन्द्रसिंह हथाण, महेन्द्रसिंह भैरूखेड़ा़, योगेन्द्रसिंह छापडेल, नारायणसिंह काशिराम जी का खेड़ा, जनकराजसिंह गेन्दलिया, अजयसिंह सबलाजी का खेड़ा, बलवीरसिंह अगरपुरा, लालसिंह बडू, नाराणयसिंह ईटावा आदि उपस्थित रहे।