शीतल निर्भीक
नई दिल्ली।स्मार्ट हलचल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे का बजट नए रिकॉर्ड बना रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश में रेलवे परियोजनाओं के लिए ऐतिहासिक बजट आवंटन की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यूपी में इस वर्ष 19,858 करोड़ रुपये का रेल बजट तय किया गया है, जो यूपीए शासन (2009-14) की तुलना में 18 गुना अधिक है। कुल मिलाकर प्रदेश में रेलवे के विकास पर 1,04,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, जिससे नई लाइनों, दोहरीकरण, तीसरी लाइन और अमृत भारत स्टेशन जैसी योजनाओं को गति मिलेगी।
रेल मंत्री ने बताया कि बीते 10 वर्षों में यूपी में 5,200 किलोमीटर नई रेल पटरियां बिछाई गई हैं, जो स्विट्जरलैंड और बेल्जियम के पूरे रेल नेटवर्क से अधिक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहयोग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में रेलवे परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में उनका अहम योगदान रहा है। कानपुर में एलिवेटेड ट्रैक प्रोजेक्ट की बाधाओं को दूर कर राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रदेश में यात्री सुविधाओं के विस्तार पर जोर देते हुए रेल मंत्री ने बताया कि 157 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जा रहा है। यूपी में 14 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, जिनका ठहराव 25 प्रमुख स्टेशनों पर होगा। दरभंगा-आनंद विहार अमृत भारत एक्सप्रेस का भी 10 जिलों में ठहराव सुनिश्चित किया गया है। अमृत भारत ट्रेनों के संचालन को लेकर रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि सुनियोजित ढंग से नए टर्मिनल बनाए जा रहे हैं, जिससे गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई और दिल्ली में नए टर्मिनलों का निर्माण हो रहा है।
रेलवे में संरक्षा और सुरक्षा के लिए कवच प्रणाली को तेजी से लागू किया जा रहा है। यूपी में 4,800 किमी रेल नेटवर्क पर कवच लगाने का कार्य प्रगति पर है, जिसे अगले छह वर्षों में पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा, गोरखपुर जंक्शन के पुनर्विकास का कार्य तीन वर्षों में पूरा करने की योजना है, वहीं गोरखपुर कैंट-गोरखपुर के बीच तीसरी रेल लाइन जल्द ही शुरू होगी।
रेल मंत्री ने बताया कि यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 17,500 नए गैर-एसी सामान्य कोच बनाए जाएंगे और अगले पांच वर्षों में सभी ICF कोचों की जगह अत्याधुनिक LHB कोच लगाए जाएंगे। पहली वंदे स्लीपर ट्रेन का परीक्षण जारी है, जबकि 50 नमो भारत ट्रेनें, 100 अमृत भारत ट्रेनें और 200 वंदे भारत ट्रेनें निर्माणाधीन हैं। खानपान की गुणवत्ता सुधारने के लिए 600 नए बेस किचन शुरू किए जा रहे हैं।
रेलवे के बढ़ते बजट पर नजर डालें तो 2009-14 में जहां औसतन 5,075 करोड़ रुपये सालाना नई लाइन निर्माण के लिए दिए जाते थे, वहीं 2025-26 के लिए यह राशि बढ़कर 32,235 करोड़ रुपये हो गई है। इसी तरह, ट्रैक नवीनीकरण के लिए 22,800 करोड़ रुपये, संरक्षा कार्यों के लिए 1,16,514 करोड़ रुपये और ओवरब्रिज-अंडरब्रिज निर्माण के लिए 7,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
भारतीय रेलवे के इस ऐतिहासिक बजट से यूपी के रेलवे नेटवर्क का कायाकल्प होगा और यात्रियों को आधुनिक सुविधाओं से लैस परिवहन सेवा मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रेलवे को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की यह नीति भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देने वाली साबित होगी।