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अब धरती के भगवान हो गए शैतान? खांसी के इलाज में लगा दिया मौत का इंजेक्शन!बुलंदशहर घटना से हिला यूपी का चिकित्सा तंत्र

(शीतल निर्भीक ब्यूरो)

लखनऊ। स्मार्ट हलचल|इलाज की उम्मीद लेकर क्लीनिक पहुंची एक महिला के लिए वही जगह मौत का दरवाजा बन गई, जहां से उसे राहत मिलनी थी। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से सामने आई यह घटना न सिर्फ दिल दहला देने वाली है, बल्कि चिकित्सा पेशे और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। नगर पालिका के सामने स्थित एनके गोयल क्लीनिक में खांसी के इलाज के लिए पहुंची 52 वर्षीय अनोखी उर्फ सुक्की को जैसे ही इंजेक्शन लगाया गया, उसकी हालत अचानक बिगड़ने लगी।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इंजेक्शन लगते ही महिला के मुंह से झाग निकलने लगा और वह तड़पने लगी। क्लीनिक में अफरा -तफरी मच गई, परिजन मदद के लिए चीखते रहे, लेकिन कुछ ही पलों में महिला ने दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि क्लीनिक में डॉक्टर की जगह कंपाउंडर ने गलत इंजेक्शन लगा दिया, जिससे उनकी बेटी की जान चली गई। अचानक हुई मौत से गुस्साए परिजनों ने क्लीनिक में जमकर हंगामा किया और कंपाउंडर के साथ-साथ क्लीनिक संचालक पर भी गंभीर आरोप लगाए।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को संभाला। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी क्लीनिक का निरीक्षण कर रिकॉर्ड और इस्तेमाल की गई दवाओं की जांच शुरू की। जांच के दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि इसी क्लीनिक में एक माह पहले भी एक मरीज की मौत हो चुकी है और उस समय भी लापरवाही के आरोप लगे थे, बावजूद इसके क्लीनिक पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब स्वास्थ्य विभाग ने क्लीनिक संचालक को नोटिस जारी किया है और मृत महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी की जा रही है, ताकि मौत के असली कारणों का पता चल सके। पुलिस का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और यदि लापरवाही साबित होती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे। यह घटना निजी क्लीनिकों की मनमानी और बिना योग्य डॉक्टरों के इलाज की खतरनाक सच्चाई को उजागर करती है। जहां डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है, वहीं ऐसी घटनाएं उस भरोसे को तोड़ देती हैं और यह सवाल खड़ा करती हैं कि कहीं इलाज के नाम पर मौत तो नहीं बांटी जा रही। यह मामला पूरे स्वास्थ्य तंत्र के लिए एक कड़ी चेतावनी है कि अगर समय रहते सख्त निगरानी और जवाबदेही तय नहीं की गई, तो आम मरीजों की जान यूं ही खतरे में पड़ती रहेगी।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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