(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
लखनऊ।स्मार्ट हलचल|उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से रिश्तों को झकझोर देने वाला दोहरा हत्याकांड सामने आया है। जफराबाद थाना क्षेत्र के अहमदपुर गांव में इकलौते बेटे ने पैसों के विवाद में अपनी ही मां और पिता की बेरहमी से हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी ने ऐसा नाटक रचा कि पूरे गांव और रिश्तेदारों को कई दिनों तक गुमराह करता रहा, लेकिन आखिरकार पुलिस की सख्ती के आगे सारा सच उगल दिया।
पुलिस पूछताछ में आरोपी अम्बेश कुमार ने कबूल किया कि 8 दिसंबर की रात करीब आठ बजे उसका माता-पिता से पैसों को लेकर झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने पहले मां बबिता देवी के सिर पर सिलबट्टे से वार किया, फिर पिता श्याम बहादुर के सिर पर भी सिलबट्टा दे मारा। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद उसने घर में किसी के न होने का फायदा उठाया और दोनों शवों को बोरे में भर दिया।
हत्या के बाद अम्बेश ने शवों को ठिकाने लगाने की साजिश रची। पिता के पैसों से खरीदी गई कार में शव रखकर वह करीब आठ किलोमीटर दूर बेलाव घाट पहुंचा और बोरे सहित दोनों शवों को गोमती नदी में फेंक दिया। इसके बाद वह घर लौट आया, ताकि किसी को शक न हो।
अगले दिन आरोपी ने खुद को मासूम दिखाने के लिए माता-पिता को खोजने का नाटक शुरू किया। रिश्तेदारों और परिचितों को फोन कर उनके लापता होने की खबर दी। 12 दिसंबर को वह खुद भी लापता हो गया। जब कई दिनों तक कोई सुराग नहीं मिला तो वाराणसी के सिंधौरा थाना क्षेत्र के कटौना गांव निवासी बहन वंदना को अनहोनी की आशंका हुई। उसने जफराबाद थाने पहुंचकर माता-पिता और भाई तीनों की गुमशुदगी दर्ज कराई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तीन टीमों का गठन किया। इसी बीच आरोपी अम्बेश वाराणसी पहुंच गया, जहां गंगा स्नान करने के बाद उसे घाटों पर घूमते देखा गया। पुलिस की नजर जैसे ही उस पर पड़ी, वह घबरा गया। घर के पास लौटते समय पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ में वह सवालों में उलझ गया और आखिरकार दोहरे हत्याकांड की पूरी कहानी बता दी।
मृतक श्याम बहादुर रेलवे में लोको पायलट थे और चार महीने पहले ही सेवानिवृत्त हुए थे। वह मूल रूप से थानागद्दी के खरसेनपुर के रहने वाले थे, लेकिन ससुराल अहमदपुर गांव में नवासा पाए थे और वर्षों से परिवार के साथ वहीं रह रहे थे। उनकी तीन बेटियां हैं और अम्बेश इकलौता बेटा था।
पुलिस के खुलासे के बाद गोमती नदी में शवों की तलाश शुरू कर दी गई है। 15 गोताखोर नदी में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। एएसपी सिटी के अनुसार आरोपी के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उससे लगातार पूछताछ की जा रही है।
जांच में यह भी सामने आया है कि अम्बेश ने पांच साल पहले कोलकाता की एक महिला से प्रेम विवाह किया था, जो वहां पार्लर चलाती थी। माता-पिता इस शादी से खुश नहीं थे और बहू को पसंद नहीं करते थे। इसी बात को लेकर घर में अक्सर विवाद होता रहता था। गांव वालों का कहना है कि अम्बेश अपनी पत्नी के साथ कोलकाता शिफ्ट होना चाहता था और इसके लिए पिता के पैसों पर उसकी नजर थी।
चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर का अम्बेश ननिहाल में आरामदायक जिंदगी जी रहा था। कार चलाने का शौक था और उसी कार में उसने अपने माता-पिता के शवों को ठिकाने लगाया। सोमवार रात उसके घर पर ताला लटका रहा और गांव में उसकी करतूत की चर्चा होते ही लोग सन्न रह गए। जिसने जन्म दिया, उसी को मौत के घाट उतारने वाले बेटे के लिए गांव में अब सिर्फ नफरत और आक्रोश बचा है।


