श्री आदिनाथ भगवान का हुआ अभिषेक
कस्बे में हाथी, घोड़ों, बैंड-बाजों व दर्जनों बग्गियों के साथ निकाली गई भव्य शोभायात्रा
नेमीश्वर मन्दिर व शोभायात्रा पर हेलिकॉप्टर से हुई पुष्प वर्षा
रेखचन्द्र भारद्वाज
जुरहरा, जिला डीग :स्मार्ट हलचल/जुरहरा कस्बे में आचार्य वसुनंदी महाराज के सानिध्य में आयोजित हो रहे पंचकल्याणक महोत्सव में गुरुवार को श्री आदिनाथ भगवान का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया गया। पाण्डुक शिला पर विराजित भगवान के अभिषेक के दौरान हेलिकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई। पंचकल्याणक महोत्सव में भगवान के गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान और मोक्ष कल्याणक की दिव्य झलकियां देखने को मिली। मन्दिर परिसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आचार्य वसुनंदी महाराज ने कहा कि जिनेंद्र भगवान के बाल रूप का पाण्डुक शिला पर अभिषेक करने व पुष्प वर्षा करने से मानव के पुण्य का उदय होता है ऐसा करने से सौभाग्य व मंगल की प्राप्ति होती है। महोत्सव में पहुंचे जुरहरा सरपंच लक्ष्मण साहू ने मुनिश्री से भेंट कर आशीर्वाद लिया। सरपंच ने बताया कि यह पर्व लोगों को धर्म अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। कार्यक्रम के बाद दर्जनों बग्गियों, बैंड-बाजों व हाथी-घोड़ों के साथ करीब आधा किलोमीटर लंबी विशाल शोभायात्रा कस्बे में निकाली गई। जन्मकल्याणक जुलूस को लेकर कस्बा सहित ग्रामीणांचल में खासा उत्साह नजर आया वहीं हेलिकाप्टर के आने से इसका उत्साह और बढ़ गया। हेलीपैड पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। जुलूस का कस्बे के लगभग सभी समाजों ने जलपान कराकर एवं पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। जुलूस को लेकर जुरहरा कस्बा सहित ग्रामीणांचल में भारी उत्साह देखने को मिला जिसमें जुरहरा व क्षेत्र के आसपास के गांवों से हजारों की संख्या में लोग मेले की शोभा बढाने के लिए पहुंचे। शोभायात्रा पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा करने का सौभाग्य नेमचंद जैन, सोनू जैन व 20 अन्य परिवारों को प्राप्त हुआ। शोभायात्रा में ईशान इंद्र के रूप में सोनू जैन, साक्षी जैन, यज्ञनायक अमित जैन, तन्वी जैन, ब्रह्म इंद्र का सौभाग्य लोकेश जैन, शुभि जैन को प्राप्त हुआ। शोभायात्रा में क़स्बे के सर्वसमाज के लोगों, विभिन्न सामाजिक संगठनों, आरएसएस स्वंयसेवकों आदि ने पूरा सहयोग किया। शोभायात्रा नेमीश्वर मंदिर से आरम्भ होकर बस स्टैंड, सैनी मोहल्ला, नए रामलीला मैंदान, जाटव मौहल्ला, पुरानी पुलिस चौकी, चौपड़ा बाजार, मैन बाजार से होते हुए वापिस नेमीश्वर धाम पर पहुंची जहां पाण्डुक शिला पर सौधर्म इंद्र सहित अन्य लोगों ने भगवान के बाल रूप का अभिषेक किया। इससे पूर्व बुधवार की रात्रि को मंच पर माता को सोलह सपने दिखाने का मंचन किया गया। गुरुवार को शांतिधारा के साथ धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत की गई। कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार की बोलियां लगाई गईं। कार्यक्रम में करीब पांच हजार लोगों ने हिस्सा लिया। जुरहरा कस्बे के अलावा कामां, डीग, भरतपुर, जयपुर, उदयपुर, कोसीकलां, मथुरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद, पुनहाना, नगीना, पलवल, होडल, अलवर, रामगढ़, किशनगढ़ सहित करीब दो दर्जन शहर-क़स्बों के जैन बंधु पंचकल्याणक कार्यक्रम व शोभायात्रा में शामिल हुए। इस मौके पर मुख्य रूप से जैन समाज जुरहरा के अध्यक्ष महेन्द्र जैन, प्रदीप जैन (बक्शी जी), ललित कुमार जैन (बक्शी जी), दीपक जैन (बक्शी जी), संदीप कुमार जैन (सोनू), अशोक जैन, अनिल जैन, गोलू जैन, गजेंद्र जाट, योगेश जैन, जुरहरा सरपंच लक्ष्मण साहू सहित काफी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।
जानें क्या है पंचकल्याणक और क्या है इसका लक्ष्य- पंचकल्याणक महोत्सव की क्रिया और धर्म संस्कार का संचार जनमानस तक पहुंचाने का माध्यम है इसका लक्ष्य प्रत्येक धर्म की अपनी प्राचीन परम्परा और सांस्कृतिक संस्कार होता है जिससे उसका धर्म फलता-फूलता है और यह सांस्कृतिक परिवेश का नया निर्माण भी करता है। पंचकल्याणक महोत्सव प्राचीन सांस्कृतिक परिवेश की पृष्ठभूमि में होता है और नवीन संस्कृति के लिये वह प्रेरणा का कारण बनता है। अपने धर्म की वृद्धि के लिये, धर्मात्माओं के लिये अपने शलाका पुरुषों के चरित्र को सामने रखकर अपने कल्याण के लिये एवं धर्म के रहस्य को जानने के लिये उनके जीवंत प्रसंग को प्रकट करके कैसे आत्मा से परमात्मा तक की यात्रा पूर्ण की जाती है उसी के प्रतीक के रुप में पंचकल्याणक महोत्सव मनाया जाता है। संसार के सारे राग-रंग और इन्द्रियों के विषयों के प्रसंगों से ऊपर उठकर अपने आत्मकल्याणक के लक्ष्य को प्राप्त कर लेना ही पंचकल्याणक है। संसार के सारे पापों से मुक्ति प्राप्त कर लेना ही पंचकल्याणक है। संसार के परिभ्रमण से मुक्ति प्राप्त कर लेना ही पंचकल्याणक है। जन्म-मरण और संसार के विषय कषायों की प्रवृत्ति से मुक्ति प्राप्त कर लेना ही पंचकल्याणक है।