भरतपुर। सेवर उपकारागृह में शुक्रवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब पोक्सो एक्ट के तहत बंद एक आरोपी ने बैरिक के अंदर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक आरोपी कुछ दिन पहले ही आरबीएम अस्पताल से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था, जिसे करौली पुलिस ने पकड़कर भरतपुर पुलिस के सुपुर्द किया था।
जेलर ने दी सूचना, पुलिस ने शव को फंदे से उतारा
सूचना दी कि एक कैदी ने फांसी लगा ली है. मृतक की पहचान राजवीर पुत्र बलराम निवासी करौली के रूप में हुई है. वह सेवर जेल की बैरक नंबर 5 में बंद था. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतारकर आरबीएम अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया.पहले भी हो चुका था फरार
3 मई को बलराम को तबीयत खराब होने पर आरबीएम अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती कराया गया था। लेकिन 5 मई को वह वहां से फरार हो गया था। लगभग दो हफ्ते बाद, 19 मई को करौली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर भरतपुर पुलिस को सौंपा और 20 मई को कोर्ट में पेशी के बाद उसे फिर से जेल भेज दिया गया। अगले ही दिन, 21 मई को उसने आत्महत्या कर ली।जांच में जुटी पुलिस
सेवर थाना प्रभारी धर्म सिंह के अनुसार, मामले की जांच जारी है। आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है। जेल प्रशासन ने पूरे मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है।सेवर थाना अधिकारी धर्म सिंह ने बताया कि 4 बजे सेवर जेल के जेलर मुकेश मीणा ने बताया था कि राजवीर पुत्र बलराम ने फांसी लगा ली है। मृतक जेल की बैरक नंबर 5 में था। इसके पास दूसरा कैदी था वह सो रहा था। पुलिस की टीम ने कैदी के शव को नीचे उतारा। फिलहाल उसके शव को आरबीएम अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया है। मृतक को करौली पॉक्सो कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई हुई थी। 5 मई को बलराम आरबीएम अस्पताल के जेल वार्ड से फरार हो गया था। 19 मई को पुलिस ने इसे पकड़कर कल जेल भेजा था। मृतक रोशनदान में साफी को फांसी का फंदा बनाकर फांसी लगाई है।
सूचना दी कि एक कैदी ने फांसी लगा ली है. मृतक की पहचान राजवीर पुत्र बलराम निवासी करौली के रूप में हुई है. वह सेवर जेल की बैरक नंबर 5 में बंद था. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतारकर आरबीएम अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया.पहले भी हो चुका था फरार
3 मई को बलराम को तबीयत खराब होने पर आरबीएम अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती कराया गया था। लेकिन 5 मई को वह वहां से फरार हो गया था। लगभग दो हफ्ते बाद, 19 मई को करौली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर भरतपुर पुलिस को सौंपा और 20 मई को कोर्ट में पेशी के बाद उसे फिर से जेल भेज दिया गया। अगले ही दिन, 21 मई को उसने आत्महत्या कर ली।जांच में जुटी पुलिस
सेवर थाना प्रभारी धर्म सिंह के अनुसार, मामले की जांच जारी है। आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है। जेल प्रशासन ने पूरे मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है।सेवर थाना अधिकारी धर्म सिंह ने बताया कि 4 बजे सेवर जेल के जेलर मुकेश मीणा ने बताया था कि राजवीर पुत्र बलराम ने फांसी लगा ली है। मृतक जेल की बैरक नंबर 5 में था। इसके पास दूसरा कैदी था वह सो रहा था। पुलिस की टीम ने कैदी के शव को नीचे उतारा। फिलहाल उसके शव को आरबीएम अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया है। मृतक को करौली पॉक्सो कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई हुई थी। 5 मई को बलराम आरबीएम अस्पताल के जेल वार्ड से फरार हो गया था। 19 मई को पुलिस ने इसे पकड़कर कल जेल भेजा था। मृतक रोशनदान में साफी को फांसी का फंदा बनाकर फांसी लगाई है।