पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बुधवार को विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा के आपत्तिजनक और भ्रामक बयानों के विरोध में कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर टायर जलाकर प्रदर्शन किया। इस संबंध में राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया।
ज्ञापन में बताया कि एबीवीपी के कार्यकर्ता, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय (एमएलएसयू) की कुलपति प्रोफेसर सुनीत मिश्रा ने भ्रामक और आपत्तिजनक बयान देकर आक्रांता अकबर को महान और क्रूर शासक औरंगजेब को कुशल शासक बताया है। यह बयान ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोडक़र प्रस्तुत किया है, जो समाज में भ्रम पैदा करने वाला है। अकबर ने अपनी सत्ता स्थापित करने के लिए कई भारतीयों पर अत्याचार किए और हिंदू संस्कृति को ठेस पहुंचाई। वहीं, औरंगजेब ने अपने शासनकाल में बड़े पैमाने पर धार्मिक उत्पीडन और क्रूरता को अंजाम दिया, जिसमें अनगिनत मंदिर तोड़े गए और हिंदुओं पर जजिया कर लगाया। ऐसे क्रूर शासकों की प्रशंसा करना न केवल इतिहास का अपमान है, बल्कि यह उन लोगों की भावनाओं को भी आहत करता है जिन्होंनें इन शासकों के अत्याचार सहे हैं। कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा के यह बयान एक कुलगुरु के गरिमापूर्ण पद के लिए अशोभनीय है। उनका यह बयान शिक्षा के क्षेत्र में भी गलत संदेश देता है।एबीवीपी ने ज्ञापन में मांग की है कि इस गंभीर मामले में संज्ञान लें और कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा के विरुद्ध उचित और कड़ी कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में कोई भी जिम्मेदार पद पर बैठा व्यक्ति इस तरह के भ्रामक और आपत्तिजनक बयान न दे सकें। ज्ञापन से पहले एबीवीपी ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर टायर जलाया।