शिव लाल जांगिड़
कोटा|स्मार्ट हलचल|चित्तौड़गढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-27 पर स्थित चित्तौड़िया के पुलिया पर मंगलवार दोपहर 3:00 बजे को अज्ञात वाहन ने गौवंश को टक्कर मार दी, जिससे गौवंश घायल हो गई, जिससे ग्रामीणों ने घायल गौवंश को इलाज के लिए लाडपुरा गौशाला में पहुंचाया। अज्ञात वाहन की टक्कर से गौवंश घायल होने के बाद कहीं घंटा तक सड़क पर घायल गौवंश तड़पती रहती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि सड़क किनारे घूम रहे मवेशियों की सुरक्षा के लिए ठोस व्यवस्था की जाए। ग्रामीणों ने बताया कि लाडपुरा कस्बे में कोटा-चित्तौड़गढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग-27 एवं भीलवाड़ा एनएच-758 पर निराश्रित गौवंश और गौवंश को रखने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। इसके कारण वह सड़कों पर भटकने को मजबूर है। निराश्रित गौवंश घूमते रहते हैं। लाडपुरा चौराहे के समीप आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगातार दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहा है। वहीं हाईवे पर मवेशियों की मौजूदगी वाहन चालकों के लिए खतरा बन गया है। लोगों ने बताया कि इस मार्ग पर आए दिन मवेशियों को बचाने के चक्कर में वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। हाईवे दोनों टोल रोड कंपनी द्वारा अभी तक इन पशुओं की सुरक्षा या सड़कों से हटाने की कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। लाडपुरा से रात्याखेड़ा, अमरतिया और चित्तौड़िया मार्गों पर जगह-जगह मवेशियों का जमघट लगा रहता है। मवेशियों के सींगों या गले में रेडियम बेल्ट नहीं लगाए गए हैं, जिससे रात में वाहन चालकों को उन्हें देखना मुश्किल हो जाता है। अमरतिया और चित्तौड़िया क्षेत्र के ग्रामीणों ने कहा कि राजमार्ग किनारे बसे गांवों से पशु अक्सर सड़क पर आ जाते हैं। ग्रामीणों व सामाजिक संगठनों ने हाईवे प्रबंधन, प्रशासन, गौशाला एवं गौसेवकों को मवेशियों के रेडियम लगवाने के साथ ही निराश्रित मवेशियों को गौशालाओं तक पहुंचाने की मांग की है।


