15 लाख की धोखाधड़ी के आरोपी अब 11 तक रिमांड पर, न्यायालय में मुह छिपाते रहे आरोपी
आरोपियों की 4 प्रदेशो में अलग अलग जीएसटी फर्म, राजसमंद जिला न्यायालय पूर्व में कर चुका आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
बूंदी।स्मार्ट हलचल/शहर कोतवाली थानां पुलिस द्वारा 15 लाख की धोखाधड़ी के मामले में राजसमंद जिले के भीम कस्बे की उप कारागृह से प्रोडक्शन वारंट पर बून्दी लाये गए शराब कम्पनी किंजस स्प्रिड प्राइवेट लिमिटेड के एमडी हरेन्द्र सिंह रोटेला, उसकी पत्नी जयंती और भाई नरेंद्र को मंगलवार को न्यायालय ने तीन की रिमांड अवधी पूरी होने पर तीनो का पुलिस के आग्रह पर 11 जुलाई तक रिमांड बढ़ा दिया है। रिमांड अवधी में अब पुलिस आरोपियों से धोखाधड़ी कर ली गई राशी की बरामदगी करने के साथ उसे कहा कहा और कितने लोगों को ट्रांसफर किया गया इस बात की जांच में जुट गई है। आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के दौरान आरोपी मीडिया के सामने मुह छुपाते नजर आ रहे थे। बून्दी पुलिस ने खोजा गेट निवासी हेमन्त तोषनीवाल और उसकी पत्नी निधी तोषनीवाल की रिपोर्ट पर नोएडा की शराब कम्पनी किंजस स्प्रिड ( ब्लेक 52 वाइन) प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर हृरेन्द्र सिंह रोटेला, उसकी पत्नी जयंती और भाई नरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने तोषनीवाल दम्पति से डीलरशिप के नाम पर 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। जांच अधिकारी उपनिरीक्षक राधाकृष्ण ने बताया कि मामले में दो आरोपियों हरेन्द्र सिंह और नरेंद्र सिंह को राजसमंद के भीम उप कारागृह से और महिला जयंती को उदयपुर के महिला सुधार गृह से प्रोडक्शन वारंट पर यहा लाये थे। मंगलवार को आरोपियों की तीन दिन की रिमांड अवधी पूरी होने पर उन्हें फिर से न्यायालय में पेश कर रिमांड मांगा गया। न्यायालय ने 15 लाख की बरामदगी के लिए तीनो आरोपियों का 11 जुलाई तक रिमांड बढ़ाने के आदेश दिए है।
4 अलग अलग राज्यो में 5 जीएसटी फर्म, सभी ब्लैक लिस्ट
फरयादी हेमन्त तोषनीवाल के अधिवक्ता सुमित पारीक ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी हरेन्द्र सिंह उसकी पत्नी जयंती और भाई नरेंद्र सिंह अंतरराज्यीय स्तर के ठग है। इनके द्वारा किजन्स स्प्रिड (ब्लेक 52 वाइन) प्राइवेट लिमिटेड की डीलरशिप देने के नाम पर कई लोगो से धोखाधड़ी की जा चुकी है। पारीक ने बताया कि आरोपियों ने अपनी कम्पनी के लिए 4 अलग अलग राज्यो जिसें झारखंड में एक, कर्नाटक में एक, गोवा में एक तथा दिल्ली में दो जीएसटी फर्म बना रखी थी। हालांकि आयकर विभाग ने वर्तमान में सभी जीएसटी फर्म को ब्लैक लिस्ट कर रखा है। उन्होंने बताया कि इनके विरुद्ध एनआईए एक्ट (चैक अनादरण) के भी कई मामले चल रहे है। जिसमें यह वांछित बताए जा रहे है।
28 मई को राजसमंद न्यायालय कर चुका अग्रिम जमानत याचिका खारिज
मामले में फरयादी पक्ष के अधिवक्ता देवराज गोचर और सुमित पारीक ने बताया कि तीनों बड़े स्तर के ठग है। इनके विरुद्ध राजस्थान और अन्य प्रदेशों में भी ठगी के मामले दर्ज होने की खबर सामने आ रही है। अधिवक्ता ने बताया कि राजसमंद के भीम थाने में एक व्यक्ति से एक करोड़ 20 लाख रूपये की बड़ी धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। इसी मामले में आरोपियों ने पुलिस गिरफ्तारी से बचने के लिए जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत का प्राथना पत्र लगाया था। हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान जिला न्यायाधीश ने आरोपियों के अग्रीम जमानत के प्राथना पत्र को खारिज कर दिया था। उसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। तभी से हरेंद्र और नरेंद्र भीम के उपकारागृह में और महिला जयंती उदयपुर के महिला सुधार गृह में बंध थे।
मीडिया के सामने मुह छिपाते रहे आरोपी
तीन दिन की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद मंगलवार को कोतवाली पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जहां से न्यायालय ने तीनों को 11 जुलाई तक रिमांड पर सौपने के आदेश दिए है। रिमांड अवधि में पुलिस आरोपियों से 15 लाख रुपये की राशि बरामद करने का प्रयास करेंगी। उधर न्यायालय मे पेशी के दौरान आरोपी मीडिया से बचने के लिए मुह छिपाते घुसते रहे। जांच अधिकारी राधा कृष्ण ने बताया कि रिमांड के दौरान 15 रुपये की बरामदगी के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि अब तक कि जांच में आरोपियों के विरुद्ध राजसमंद के भीम, बून्दी, नोएडा, पचिमी बंगाल सहित कई प्रदेशों और जिलों में डीलरशिप देने के नाम पर धोखाधड़ी करने की सूचना सामने आई है।
यह था मामला
कोतवाली थाने के उपनिरीक्षक राधाकृष्ण ने बताया कि खोजा गेट निवासी हेमन्त तोषनीवाल और उसकी पत्नी निधी ने कोतवाली पहुँचकर लिखित शिकायत दी थी कि गत 6 सितंबर 2023 को उनसे नोएडा की किंजस स्प्रिड प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हरेन्द्र सिंह रोटेला ने डीलरशिप देने के लिए ई इस्टाप के जरिये इकरार किया था। उसके बाद उनसे डीलरशिप के लिए बाकायदा 15 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ले लिए गए। दम्पति से रुपये दो बार मे लिए गए। सब कुछ होने के बाद जब मैनेजिंग डायरेक्टर से डीलरशिप देने के लिए कहा तो उसने 48 लाख रुपये की ओर मांग की और पिछले काफी समय से ना डीलरशिप दे रहा है और ना 15 लाख रुपये वापस मिल पा रहे है। दम्पती ने परेशान होकर कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हरेन्द्र सिंह के विरुद्ध थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी।