ओम जैन
शंभूपुरा।स्मार्ट हलचल|परिवादी लीलाबाई पत्नी नंदलाल माली निवासी कन्नौज तहसील भदेसर व अभियुक्त पवन कुमार गोपाल प्रसाद माली निवासी आनंद विहार सोसायटी साबरमती अहमदाबाद के बीच अच्छी जान पहचान होने से व परिवादी के पति के नाम रजिस्टर्ड वाहन हुंडई कार होने से तथा परिवादिया के पति की मृत्यु हो जाने से और अभियुक्त को कार की आवश्यकता होने से अभियुक्त पवन कुमार गोपाल प्रसाद माली ने 3,80000 रूपये में कार परिवादीया से क्रय की उक्त राशि की अदायगी के बदले अभियुक्त ने अपने बैंक खाता बैंक ऑफ बडौदा के दो चेक दिए जिसमे से एक चैक 2 लाख 80 हजार रुपया का ओर दूसरा चैक 1 लाख रुपये का जारी कर परिवादिया को सुपुर्द किया जिसमें से 1लाख अभियुक्त ने परिवादिया को अदा कर दिए। शेष 2 लाख 80 हजार रुपये परिवादी को चेक से भुगतान प्राप्त करने हेतु कहां जिस पर परिवादिया ने अपने बैंक खाते में उक्त चेक को प्रस्तुत किया, अभियुक्त के बैंक में अपर्याप्त राशि होने से चेक अनादरीत हो गया, जिस पर परिवादिया ने अपने अधिवक्ता एडवोकेट ओम प्रकाश शर्मा, राजेंद्र सिंह चौहान, सत्यनारायण माली के जरिए अभियुक्त ज्ञात एवं सही पते पर रजिस्टर्ड एडी नोटिस भिजवाया बावजूद नोटिस अभियुक्त ने उक्त रकम की अदायगी नहीं की। इस पर परिवादी ने अपने अधिवक्तागणों के माध्यम से न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जिनकी विधिवत सुनवाई करते हुए न्यायालय विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआई एक्ट प्रकरण चित्तौड़गढ़ के पीठासीन अधिकारी रितिका श्रोती ने दिनांक 2 मई 2025 को उक्त प्रकरण का अंतिम निर्णय करते हुए अभियुक्त पवन कुमार गोपाल प्रसाद माली को धारा 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट का दोषी घोषित कर अभियुक्त पवन कुमार गोपाल प्रसाद माली को उक्त प्रकरण में 3 लाख 20 हजार रुपए के प्रतिकर राशि से दंडित करते हुए 9 माह के कारावास की सजा सुनाई।