बिजोलिया : नेशनल हाईवे 27 स्थित श्री जी रिसोर्ट में ऋतुराज पांडे एवं परिवार द्वारा आयोजित हो रही श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन कथा ने तीसरे स्वपान में प्रवेश किया । इस दौरान वृंदावन धाम की प्रसिद्ध कथा वाचक साध्वी सुहृदय गिरी ने मानव जीवन में संगती के प्रभाव को बताया । उन्होंने कहा की अच्छे का संग करोगे तो ऊंचाइयां प्राप्त होगी लेकिन बुरे का संग आपको नष्ट्र कर देगा , जो जैसा होता है उससे वही मिलता है , बुरे के संग लगने से बुरे बन जाते है और उनके आचरण हमे लग जाते है , जबकि अच्छे के संग रहने से अच्छे ही बनते है । अच्छे के संग नया और अच्छा सीखने को मिलता है उन्नति मिलती है और उत्थान होता है । अच्छे के संग मंदिर मिलता है और बुरे के संग मदिरालय मिलता है । इसलिए बुरे का संग थोड़ी देर का भी नहीं होना चाहिए। साध्वी गिरी ने कथा में मानव जीवन के निर्माण में शामिल 5 तत्त्वों जल, थल , नभ , तेज और जगत तत्व को भी समझाया और मनुष्य जीवन की कम होती अवधि का कारण भी बताया । उन्होंने कहा की पहले मनुष्य जीवन के निर्माण में सहायक 5 तत्वों को शुद्ध रखते थे , इसीलिए वो कलयुग की जीवन समय अवधि 100 वर्ष को पूरा करते हैं लेकिन अब हम पांच तत्वों को दूषित कर देते हैं इसलिए हमारी आयु का कोई ठिकाना नहीं है । अब पता नहीं मरण जन्म लेते ही हो जाए , गर्भ में हो जाए , थोड़ा बड़े होकर हो जाए कोई ठिकाना नहीं है । इसलिए हमे अब संभलने की जरूरत है और सृष्टि के वातावरण को शुद्ध रखने की जरूरत है । जब सृष्टि शुद्ध होगी तो जल, थल , नभ , तेज और जगत तत्व इन पांच तत्वों से बना हमारा शरीर भी शुद्ध होगा । तीसरे दिन भगवान नृसिंह के अवतार की झाकी संजाई गई और कथा समाप्ति के साथ आरती करने के बाद प्रसाद वितरण हुआ ।