Homeराज्यकड़ी मेहनत एवं एकाग्रता से हासिल करें मुकाम- आईपीएस दड़िया

कड़ी मेहनत एवं एकाग्रता से हासिल करें मुकाम- आईपीएस दड़िया


आईपीएस अधिकारियों का सम्मान समारोह आयोजित, युवाओं को बताएं सफलता के राज

हरसौर/स्मार्ट हलचल/निकटवर्ती ग्राम जावला की दड़िया की ढाणी में यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा बैच 2023 में चयनित होकर आईपीएस बने अधिकारियों का सम्मान समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम में 486वीं रैंक हासिल करने वाले आईपीएस अधिकारी प्रेमसुख दड़िया एवं 555वीं रैंक हासिल करने वाले युवा आईपीएस ईश्वरलाल गुर्जर का अभिनंदन किया गया। युवाओं द्वारा उन्हें साफा, फूल माला एवं बुके दिए गए। समारोह में पूर्व जिला एवं सेशन न्यायाधीश हरसुखराम पूनिया ने सिविल सर्विसेज को लेकर अपना उद्बोधन दिया। इस अवसर पर आईपीएस अधिकारी प्रेमसुख दड़िया ने सिविल सर्विसेज परीक्षाओं को लेकर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि असफलता से घबराएं नहीं। अपितु उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा मानकर चुनौती को स्वीकार करना चाहिए। आईपीएस गुर्जर ने कहा कि अगर यूपीएससी करें करना है तो अपना शत प्रतिशत आपको देना ही होगा। मंच संचालन एंकर हरिराम किंवाड़ा ने किया।

ये रहे मौजूद- कार्यक्रम में एसओजी के एडिशनल एसपी मोहेश चौधरी, डेगाना थानाधिकारी हरीश सांखला, टैगोर ग्रुप चेयरमैन पूरणसिंह रणवां, मोतीराम दड़िया, मेघाराम दड़िया, सुरेश नराधनियाँ, धर्माराम
दड़िया, रामदेव मुवाल, मुकेश चोयल, गौतम नैण, अमित आसोपा, महेन्द्र कुमावत, अभिषेक चौहान, सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।


दोनों आईपीएस की सिविल सेवा परीक्षा पास करने की हैं रोचक कहानी-Both the IPS officers have an interesting story of passing the civil service exam-

ढाणी में रहकर की सेल्फ स्टडी  और कर ली यूपीएससी परीक्षा पास-Self study and passed UPSC exam

प्रेमसुख दड़िया-ग्राम जावला के अंतर्गत आने वाली दड़िया की ढाणी के रहने वाले प्रेमसुख दड़िया ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के परिणामों में 486वीं रैंक हासिल की है। प्रेमसुख ने सेल्फ स्टडी कर दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। उनके पिता मोतीराम दड़िया खेड़ी में सेकंड ग्रेड शिक्षक तो माता साधारण गृहिणी हैं। प्रेमसुख की प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई। ढाणी में रहकर ही पढ़ाई जारी रखी। राजस्थान यूनिवर्सिटी से स्नातक पास करने के बाद वर्ष 2019 में पहली बार प्रेमसुख आईएएस की तैयारी करने दिल्ली पहुंचे। तभी देश में कोरोना ने दस्तक दे दी। इस बीच कोरोना बाधा बना तो प्रेमसुख दिल्ली से वापस ढाणी लौट आए। तब उन्होंने ढाणी में रहकर ही पढ़ाई जारी रखी। हिंदी मीडियम के प्रेमसुख ने 2021 में पहले प्रयास में वह इंटरव्यू तक पहुंचे मगर चयन नहीं हुआ। सेल्फ स्टडी के साथ उन्होंने पढ़ाई जारी रख ये मुकाम पाया है।


10वीं फेल होकर भी आईपीएस तक सफर तय किया ईश्वर ने- ईश्वरलाल गुर्जर 10वीं फेल होकर यूपीएससी में अपना परचम फहराने वाले छात्र हैं। ईश्वर गुर्जर एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। उनके पिता सुवालाल गुर्जर एक किसान हैं और उनकी मां सुखी देवी एक गृहिणी है। ईश्वर की दो बहनें हैं. ईश्वर ने साल 2022 में 644वां रैंक हासिल किया था। लाल ईश्वर लाल ने पूरे 101 पायदान का सुधार किया.


हर किसी को आश्चर्य हुआ, यह तब हुआ जब ईश्वर कक्षा साल 2011 में 10वीं बोर्ड परीक्षा में असफल हो गए. परिजनों का कहना है कि फेल होने के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी, लेकिन उनके पिता ने उन्हें प्रेरित किया और उम्मीद और साहस न खोने की सलाह दी। ईश्वर फिर ने 2012 में 54% अंकों के साथ परीक्षा पास की. इसके बाद 12वीं कक्षा में वे 68% अंकों के साथ सफल रहे।
उन्होंने एमडीएस यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई की। 2019 में, उन्होंने अपने सरकारी स्कूली शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया. शिक्षक बनने के बावजूद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी ईश्वर ने जारी रखी. चौथे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफल हुए. वह 2019 में प्रीलिम्स में फेल हो गए और 2020 में इंटरव्यू स्टेज तक पहुंचे, लेकिन सफलता दूर रह गई। 2021 में वह फिर असफल रहे। मगर असफलता के आगे कभी हथियार नहीं डाले। चौथे प्रयास में अंततः 644 रैंक हासिल करने के सफर जारी रखा। ईश्वर 2023 परीक्षा परिणाम में 555वीं रैंक अर्जित की।

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