मीडिया में खबर आने के बाद जागा प्रशासन
बानसूर। स्मार्ट हलचल/कस्बे सहित आस पास के क्षेत्र में पिछले चार पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश से अलवर रोड पर घड़िया जोहड़ में बने 40 से 50 मकानों में पानी घुस गया और आने जाने का रास्ता बंद हो गया। जिससे जोहड़ में बने मकानों में रहने वाले लोगों के खाने पीने सहित घरों में रखा सामान पानी में डूब गया। खतरे को देखते हुए नगरपालिका प्रशासन की ओर से पानी की निकासी के लिए टीम भेजी गईं, लेकिन आसपास के खेत मालिकों की ओर से पानी निकासी का विरोध होने पर नगरपालिका की टीम को वापस आना पड़ा। जिससे अभी तक भी जोहड़ से पानी की निकासी नहीं होने से खतरा बना हुआ है। दरअसल रविवार की हुई तेज बारिश से जोहड़ में पानी आ गया। जिससे जोहड़ में बने मकानों में पानी घुस गया। इस दौरान सोमवार को बस्ती के लोगों ने नाव बनाकर जरूरी सामान को बाहर निकाल लिया, लेकिन मकान अभी भी पानी में डूबे हुए है। सूचना पर प्रशासन की टीम पानी निकासी के लिए पंप सेट लेकर पहुंची, तो आसपास के खेत मालिकों ने पानी निकासी का विरोध किया, जिस पर पानी की निकासी नहीं हो सकी। आसपास के खेत मालिकों का कहना है कि राजनीतिक फायदों को लेकर जोहड़ में अवैध पट्टे जारी कर दिए गए। जोहड़ में बानसूर कस्बे का बारिश का पानी आता है। जोहड़ में पक्का निर्माण कर मकान बना लिए गए। जिससे तेज बारिश में जोहड़ का पानी ओवरफ्लो हो गया। खेत मालिको का कहना है जोहड़ का पानी खेतों में आने से हमारी फसल नष्ट हो जाएगी।
* कोटपूतली-बहरोड़ कलेक्टर मौके पर पहुंची
सूचना पर कोटपूतली बहरोड़ ज़िला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल सोमवार को करीब 3 बजे बानसूर पहुंची और घड़ियां जोहड़ में पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लिया। इस दौरान ज़िला कलेक्टर ने घड़ियां जोहड़ में रह रहे लोगो को समस्या सुनी और अधिकारियो को निर्देश दिए कि जब तक पानी की निकासी नहीं होती है, जब तक पीड़ित परिवारों के लिए रहने ओर खाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। इधर बानसूर के रामपुर में तेज बारिश से शांति देवी पत्नी रामेश्वर मीणा का मकान गिर गया।
एसडीएम बोले-पीड़ित परिवारों के लिए की व्यवस्था
एसडीएम रविकांत सिंह ने बताया कि आपदा राहत को लेकर पीड़ित परिवारों के लिए नगरपालिका में खाने पीने और रहने की व्यवस्था करवाई जा रही है। सर्वे करवाकर जांच करवाई जा रही है कि पक्का निर्माण कितना जोहड़ में है और कितना बाहर है। पीड़ित परिवारों को खाने के पैकेट मुहैया करवाए जा रहे है। पानी की निकासी करवाई जाएगी।