लाखेरी – स्मार्ट हलचल|उपखण्ड क्षेत्र के खरायता और रामगंज में वर्ष 2013 में रिको (RIICO) को आवंटित की गई भूमि से जुड़े बहुचर्चित विवाद पर आखिरकार प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। करीब दस वर्ष से अटकी इस जटिल फाइल पर मंगलवार को मोहर लगा दी गई, जब राजस्व और पुलिस प्रशासन ने संयुक्त अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया और भूमि का सीमा-ज्ञान (डिमार्केशन) करवाया।
सुबह से लेकर दोपहर तक चला प्रशासनिक अभियान कार्रवाई की शुरुआत मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुई। प्रशासनिक अमले में शामिल रहे इंद्रगढ़ तहसीलदार रामभरोस मीणा,लाखेरी पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र नागर , थाना अधिकारी सुभाष शर्मा, तथा भारी संख्या में पुलिस जाप्ता मौजूद रहा। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर क्षेत्र की घेराबंदी कराई, राजस्व दस्तावेजों और पुराने रिकॉर्ड का मिलान किया और इसके बाद उन स्थानों पर कार्रवाई शुरू की, जहां पिछले कुछ वर्षों में अवैध कब्जे व निर्माण पाए गए थे।
2013 से अटका था मामला
उद्योगों के लिए रीको द्वारा 2013 में इस भूमि का औद्योगिक विकास के उद्देश्य से अधिग्रहण व आवंटन किया गया था। लेकिन सीमांकन को लेकर हुए विवाद, स्थानीय स्तर पर उठे विरोध, और कुछ लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण के कारण यह भूमि वर्षों तक उपयोग से बाहर पड़ी रही। इस वजह से संभावित उद्योगों की स्थापना रुक गई, क्षेत्रीय रोजगार प्रभावित हुआ,और विकास कार्य अधर में लटके रहे। आज की कार्रवाई को इसी लंबे अवरोध को समाप्त करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। अतिक्रमण हटते ही स्पष्ट हुई वास्तविक सीमा राजस्व टीम के निर्देश पर बुलडोज़र की मदद से अवैध कब्जों को हटाया गया। इसके बाद भूमि की वास्तविक सीमा स्पष्ट हुई और अधिकारियों ने पूर्ण पारदर्शिता के साथ पैमाइश कर नई सीमा-ज्ञान रिपोर्ट तैयार करवाई। अधिकारियों का कहना है कि अब पूरी भूमि का वास्तविक क्षेत्र चिन्हित हो चुका है, जिससे आगे की कार्रवाई सुगमता से हो पाएगी।
कार्रवाई देखने उमड़ी भीड़, पुलिस सतर्क
कार्रवाई की सूचना मिलते ही खरायता और रामगंज क्षेत्र के आसपास के सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए। संभावित तनाव को देखते हुए पुलिस ने पूरे इलाके में अतिरिक्त जाप्ता तैनात रखा। अधिकारियों ने लोगों को शांति बनाए रखने की अपील करते हुए बताया कि यह कार्रवाई पूर्णतया वैधानिक प्रक्रिया के तहत की जा रही है। आगे भी चलेगी निगरानी, दोबारा कब्जा होने पर सख्त कार्रवाई होगी ।तहसील प्रशासन ने बताया कि सीमांकन के बाद अब भूमि के पुनः उपयोग की प्रक्रिया शुरू होगी, रीको को अद्यतन रिपोर्ट भेजी जाएगी, और दोबारा कब्जा या निर्माण की स्थिति में तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डीएसपी नरेंद्र नागर ने कहा कि प्रशासन किसी भी तरह के अवैध कब्जों के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रहा है। क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली लंबे समय से विवाद के कारण परेशान स्थानीय निवासियों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से रुका औद्योगिक विकास अब गति पकड़ सकेगा और क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
लाखेरी उपखंड के खरायता व रामगंज की रिको भूमि पर आज की कार्रवाई केवल अतिक्रमण हटाने का अभियान नहीं थी, बल्कि यह उस विकास-योजना को पुन: पटरी पर लाने का प्रयास था, जो एक दशक से अवरुद्ध थी।
प्रशासन की इस पहल को क्षेत्र के भविष्य और औद्योगिक विकास के लिए ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।


