शाहपुरा। मूलचन्द पेसवानी
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी स्थानीय आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय में 2025 का पूर्व छात्र दीपावली स्नेह मिलन कार्यक्रम धूमधाम से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में किशनगोपाल कुमावत, क्षेत्र सहकोषाध्यक्ष, विद्या भारती राजस्थान, हनुमान धाकड़, विद्यालय के प्रथम छात्र व विद्यालय प्रबंध समिति सदस्य, जयकिशन घूसर, विद्यालय के पूर्व छात्र एवं शारीरिक शिक्षक, तथा शिवचरण शर्मा, पूर्व छात्र और शिक्षक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय संस्कृति के अनुसार दीप प्रज्जलन के साथ किया गया। कार्यक्रम का संचालन राघव कुमावत ने किया। इस अवसर पर अपने अध्ययनकाल के अनुभव साझा करते हुए दिव्या वैष्णव और शिवांग पाराशर ने अपने विचार रखे। पूर्व छात्र रविंद्र सिंह झाड़ावत द्वारा प्रस्तुत किया गया भव्य गीत “कन्हैया दौड़्यो आजे रे” ने सभी को भावविभोर कर दिया।
मुख्य वक्ता किशनगोपाल कुमावत ने पूर्व छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में लिए गए पंच प्रण दृ सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण और नागरिक कर्तव्य दृ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि वे इन कार्यों में सक्रिय रूप से जुड़कर समाज सुधार में योगदान दें। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि विद्या भारती पूर्व छात्र पोर्टल विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है और इस पोर्टल पर अधिक से अधिक छात्रों का पंजीकरण होने से समाज में शिक्षा और सेवा कार्यों का प्रभाव बढ़ता है।
इस अवसर पर शिवचरण शर्मा ने भी अपने विचार साझा किए। विद्यालय के प्रथम छात्र हनुमान धाकड़ ने सभी छात्रों को सेवा कार्यों जैसे दृ पानी की प्याऊ लगाना, अस्पताल में मरीजों को फल वितरण, गुरु पूर्णिमा पर गुरू का सम्मान करना, शहीद क्रांतिकारी स्मारक की स्थापना करना और कक्षा 10 व 12 में श्रेष्ठ अंक हासिल करने वाले छात्रों का सम्मान करना दृ जैसी गतिविधियों में भाग लेने की प्रेरणा दी।
पूर्व छात्र जयकिशन घूसर ने अपने अध्ययनकाल में गुरु के सकारात्मक प्रयासों से छात्र जीवन पर पड़े प्रभाव को अपने अनुभवों के माध्यम से साझा किया। कार्यक्रम में राघव कुमावत द्वारा प्रस्तुत स्वरचित कविता ने भी उपस्थितजनों का हृदय छू लिया।
कार्यक्रम का समापन सभी पूर्व छात्रों और वर्तमान छात्रों के बीच आपसी स्नेह और अनुभव साझा करने के साथ किया गया। यह आयोजन न केवल विद्यालय की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का माध्यम बना, बल्कि शिक्षा, सेवा और समाजोपयोगी कार्यों के प्रति युवाओं में जागरूकता भी बढ़ाई।