ओम जैन
शंभूपुरा।कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्रसिंह जाड़ावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित “बचत उत्सव” दरअसल “लुट उत्सव” है, क्योंकि पिछले आठ वर्षों में आम आदमी से जीएसटी और टैक्स के नाम पर भारी लूट की गई है रुपया गिरता जा रहा है आज 88.80 डॉलर के मुकाबले पर आ चुका है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी के नाम पर 8 साल में 127 लाख करोड़ वसूले, जीएसटी लागू होने पर भी इसी तरह बड़े-बड़े दावे किए गए। सुरेंद्रसिंह जाड़ावत ने आरोप लगाया कि जीएसटी के नाम पर पिछले आठ सालों में 127 लाख करोड़ रुपये वसूले गए, जिसमें से आम और मध्यम वर्ग से 97% टैक्स लिया गया, जबकि बड़े अमीर तबके से सिर्फ 3% टैक्स लिया गया। उन्होंने कहा, “इसमें से करीब 80 लाख करोड़ की सीधी लूट गरीब और आम जनता से हुई है क्योंकि आजादी के बाद से टैक्स फ्री उत्पाद रहे नमक, कफ़न, दही, दूध पेंसिल, रबड़, शार्पनर, शूज जैसी अन्य वस्तुओं पर 8 साल में 80 लाख करोड़ की लूट के बाद अब सरकार बचत उत्सव मना रही है और बड़े बड़े होर्डिंग लगवा रही है।जीएसटी कम करने के बाद भी आम लोगों को इसका असली फायदा नहीं मिल पा रहा है क्योंकि कहीं कच्चे उत्पादों पर अभी भी जीएसटी 18% के स्लैब में रखे हुए हैं जब रॉ मटेरियल महंगा होगा तो उत्पादों की चीज 5% रखने से सस्ती कैसे होगी बच्चों के स्कूल बैग पर अभी भी 18% टेक्स के दायरे में रखा हुआ है पूर्व की सरकारों में इसे टैक्स फ्री के दायरे में रखा हुआ था अभी भी बैंक ट्रांजेक्शन पर तरह तरह के चार्ज टेक्स के नाम पर कट रहे है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे गब्बर सिंह टैक्स का नाम दिया था क्योंकि 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू करते ही इसे 4 स्लैब 5-12-18-28 प्रतिशत के टेक्स उत्पादों पर लगाए गए थे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी 5-12 के 2 स्लैब की जीएसटी लागू करना चाहते थे उसका भी भाजपा ने विरोध किया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पूर्व मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत ने भी जीएसटी को लेकर कहते रहे की इन टैक्सों को कम कर आमजन को महंगाई से राहत देनी चाहिए 8 साल लुट मचाने के बाद जीएसटी उत्सव का ढोल पीट रहे है जो बेहद शर्मनाक है मोदी सरकार ने 127 लाख करोड़ रुपये आम और मध्यम वर्ग की जेब से निकाले हैं। उत्सव मनाने से अच्छा हमारी मांग है कि यह पैसा जनता को वापस किया जाए।”


