मुकेश खटीक
भीलवाड़ा।राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम ने मुख्यमंत्री से आगामी
बजट में शिक्षा एवं शिक्षकों से जुड़े प्रस्तावों को शामिल करने की मांग की है।प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शक्ति सिंह गौड़ द्वारा बजट में व्यावसायिक शिक्षा को ठेका प्रथा से मुक्त कर उचित व्यवस्था की जानें की मांग की है ताकि विद्यार्थियों का किसी प्रकार का अहित न हो एवं व्यावसायिक शिक्षक बेरोजगार न हों।ज्ञात रहे की वर्तमान सत्र में राजस्थान के लगभग आधे विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षकों को हटा दिया गया है।प्रदेश उपाध्यक्ष भगवंत डांगी ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा टेंडर प्रक्रिया के कारण शिक्षकों को हटा दिया जाता है एवं नए टेंडर होने तक विद्यार्थियों को शिक्षा का लाभ नहीं मिल पाता है।जो की एक गंभीर मामला है।सरकार को इस विषय पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए नहीं तो इस मुद्दे को लेकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।इसके अलावा उप प्राचार्य पदस्थापन काउंसलिंग प्रक्रिया को व्यावहारिक बनाने,वेतन विसंगतियों को दूर करने,खेमराज कमेठी की लाभकारी सिफारिशों को लागू करना,पारदर्शी शिक्षक स्थानांतरण नीति,सहायक कर्मचारियों की भर्ती,शिक्षा विभाग में ठेका प्रथा समाप्त करने,निदेशालय स्तर पर लंबित प्रकरण का समाधान करने,बकाया एसीपी सहित अन्य मांग की है।जिला प्रवक्ता आरएन रावत ने बताया कि शिक्षा परिषद करोड़ों रुपए व्यावसायिक विद्यालयों में लैब पर खर्च कर विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।परंतु टेंडर प्रक्रिया के कारण विद्यार्थियों के प्रशिक्षण में व्यवधान पड़ जाता है।सरकार को व्यावसायिक शिक्षा के लिए हरियाणा मॉडल जैसी स्थायी नीति बनानी चाहिए जिससे विद्यार्थियों का रुझान रोजगार स्वरोजगार की तरफ बढ़ सके।