भीलवाड़ा । बच्चों की पढ़ाई और उनके ओवरऑल डेवलपमेंट में माता-पिता का रोल सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट होता है. पेरेंट-टीचर मीटिंग (पीटीएम) एक ऐसा अवसर होता है जहां माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई, उनके बिहेवियर और स्कूल में उनके परफॉर्मेंस के बारे में टीचर्स से जानकारी हासिल कर सकते हैं. लेकिन कई माता-पिता इन सवालों को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि उन्हें पीटीएम में कौन से सवालों को पूछना चाहिए और इससे उन्हें अपने बच्चों की अपब्रिंगिंग में और उन्हें समझने में क्या फायदा हो सकता है. आप भी अगर ऐसे ही कंफ्यूजन का शिकार हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि पीटीएम के दौरान माता-पिता को कौन-कौन से सवाल पूछने चाहिए.
पीटीएम में पेरेंट्स को पूछने चाहिए कौन से जरूरी सवाल
1. मेरे बच्चे की पढ़ाई में परफॉर्मेंस कैसा है?
– इस सवाल से आपको ये पता चलेगा कि आपका बच्चा किस सब्जेक्ट में स्ट्रॉन्ग है और किस सब्जेक्ट में उसे ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है.
2. बच्चे का क्लास में इंवॉल्वमेंट कैसा है?
– क्या बच्चा सवाल पूछता है? क्या वह उत्तर देने में इंटरेस्ट दिखाता है? इससे आप उसके कॉन्फिडेंस और कक्षा में उसकी इंवॉल्वमेंट का अंदाजा लगा सकते हैं.
3. बच्चे का बिहेवियर और अनुशासन कैसा है?
– टीचर से जानें कि आपका बच्चा स्कूल में किस तरह से बिहेव करता है. क्या वह डिसिप्लिन को फॉलो करता है या नहीं.
4. बच्चे के दोस्त कौन हैं?
– जानना जरूरी है कि आपका बच्चा किन बच्चों के साथ समय बिता रहा है. सही सोहबत बच्चे की पर्सनालिटी डेवलपमेंट में अहम भूमिका निभाती है.
5. बच्चे को किस सब्जेक्ट में कठिनाई हो रही है?
– इससे आप जान सकते हैं कि किस सब्जेक्ट पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत है और ट्यूशन या एक्स्ट्रा क्लास की आवश्यकता है या नहीं.
6. क्या कोई एक्टिविटी है जिसमें बच्चा अच्छा परफॉर्म कर रहा है?
– पढ़ाई के अलावा खेल, आर्ट्स, म्यूजिक या अन्य एक्टिविटी में बच्चे के इंटरेस्ट को पहचानना और उसे मोटिवेट करना जरूरी है.
7. बच्चे की मेंटल और इमोशनल स्थिति कैसी है?
– कई बार बच्चे स्कूल में मानसिक दबाव महसूस कर सकते हैं, जिसे वो घर पर नहीं बता पाते हैं. टीचर से इस बारे में पूछना फायदेमंद हो सकता है.
8. क्या कोई खास सुधार की जरूरत है?
– टीचर से जानें कि बच्चे के सुधार के लिए किन उपायों को अपनाया जा सकता है और माता-पिता इसमें कैसे हेल्प कर सकते हैं.
इन सवालों को पूछने के फायदे
– बच्चे की प्रोग्रेस पर नजर रखना आसान होता है.
– बच्चे की कमजोरियों और स्ट्रेंथ की पहचान करने में मदद मिलती है.
– टीचर्स और माता-पिता के बीच बेहतर संवाद स्थापित होता है.
– बच्चे की क्लास में रुचि और बिहेवियर को समझने का मौका मिलता है.
पीटीएम में भाग लेने के फायदे
1. बच्चे की एजुकेशन के प्रति गंभीरता
– माता-पिता यदि पीटीएम में नियमित रूप से शामिल होते हैं, तो ये जाहिर करता है कि वो अपने बच्चे की शिक्षा को लेकर गंभीर हैं.
2. शिक्षकों और माता-पिता के बीच रिलेशनशिप
– जब माता-पिता शिक्षकों से मिलते हैं, तो दोनों मिलकर बच्चों की ग्रोथ में ज्यादा बेहतर तरीके से हेल्पफुल हो सकते हैं
3. बच्चे होते हैं मोटिवेट
– जब बच्चे देखते हैं कि उनके माता-पिता उनकी एजुकेशन को गंभीरता से लेते हैं, तो वो भी ज्यादा ध्यान देने लगते हैं.