आठ महीने पहले ही सेना में भर्ती हुए थे, पहली पोस्टिंग पर ही देश की रक्षा में न्योछावर कर दिया अपना जीवन
पुष्पांजलि के दौरान सांसद राव राजेंद्र सिंह अचानक गिर पड़े
पावटा,स्मार्ट हलचल|देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर सपूत अग्निवीर भीम सिंह (19) को मंगलवार को उनके पैतृक गांव भौनावास में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। चारों ओर ‘‘भारत माता की जय’’ और ‘‘वीर जवान अमर रहे’’ के नारों से वातावरण गूंज उठा। पूरा गांव शोक और गर्व की मिश्रित भावना में डूब गया। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को बादल फटने की भीषण आपदा हुई । इस हादसे में हर्षिल घाटी स्थित आर्मी कैंट के कई जवान लापता हो गए थे। इन्हीं में निकटवर्ती ग्राम भौनावास निवासी अग्निवीर भीम सिंह, जो 2024 में ही 14 राजपूताना राइफल्स में शामिल हुए। कुछ दिन पहले सेना को एक शव बरामद हुआ था, जिसकी डीएनए रिपोर्ट से पहचान भीम सिंह के रूप में हुई। सेना के सीओ हर्षवर्धन सिंह ने परिजनों को इसकी सूचना दी। मंगलवार अलसुबह लगभग 5:25 बजे शहीद का पार्थिव शरीर एम्बुलेंस के माध्यम से सेना के जवानों द्वारा प्रागपुरा पुलिस थाने पर लाया गया। जहां बड़ी संख्या में ग्रामीण, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इसके बाद पार्थिव देह को प्रागपुरा से भौनावास तक तिरंगा यात्रा के रूप में ले जाया गया। सैकड़ों युवाओं ने पैदल और बाइक रैली में भाग लिया। पूरा मार्ग ‘‘भारत माता की जय’’ और ‘‘वीर जवान अमर रहे’’ के नारों से गूंज उठा। ग्राम भौनावास स्थित राजकीय विद्यालय व पीएचसी के समीप शहीद अग्निवीर भीम सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सेना के जवानों ने सलामी दी और चचेरे भाई अमन सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी। जैसे ही अंतिम संस्कार की अग्नि प्रज्ज्वलित हुई, पूरा क्षेत्र गम और गर्व की भावना में डूब गया। शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह पुष्पांजलि अर्पित करने के दौरान अचानक चक्कर खाकर गिर पड़े। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें निजी वाहन से पावटा उपजिला अस्पताल पहुंचाया, जहां वरिष्ठ चिकित्सकों की निगरानी में उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया । उनकी स्थिति फिलहाल नियंत्रण में बताई जा रही है। शहीद की अंतिम यात्रा में केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद राव राजेंद्र सिंह, कोटपूतली विधायक हंसराज पटेल, बानसुर विधायक देवी सिंह, और विराटनगर विधायक प्रतिनिधि आशीष धनकड़, प्रेमसिंह बाजौर सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि “अग्निवीर भीम सिंह की शहादत न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए गर्व की बात है। ऐसे वीर सपूतों के ऋण को भारतवर्ष कभी नहीं भूल सकता।” भीम सिंह ने 1 नवंबर 2024 को भारतीय सेना में प्रशिक्षण शुरू किया था और 5 जून 2025 को ट्रेनिंग पूर्ण की थी। इसके बाद उन्हें 14 राजपूताना राइफल्स में हर्षिल कैंट (उत्तराखंड) में पहली पोस्टिंग मिली थी। महज आठ महीने की सेवा में ही उन्होंने देश की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। शहीद के पिता महेश सिंह किसान हैं, जबकि माता विनोद कंवर बीपी की मरीज हैं। बड़ा भाई कंवरपाल सिंह (23) ने बताया कि वे भी सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि “भाई ने देश के लिए जान दी है, अब मैं भी उसी राह पर चलना चाहता हूं।” अंतिम संस्कार में जिला कलेक्टर प्रियंका गोस्वामी, एडीएम ओमप्रकाश सहारण, एसडीएम डॉ. साधना शर्मा, एसपी देवेन्द्र कुमार विश्नोई, एएसपी वैभव शर्मा, विराटनगर डीएसपी शिप्रा राजावत, प्रागपुरा एसएचओ कश्मीर सिंह, भाभरू एसएचओ अंकित सामरिया, जिला सीएमचों आशीष सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा सत्ताईसा राजपूत समाज अध्यक्ष दशरथ सिंह शेखावत, भाजपा नेत्री रत्ना कुमारी, पूर्व पार्षद व कांग्रेस नेता तारा पूतली, प्रागपुरा जीएसएस अध्यक्ष उपेंद्र सिंह शेखावत, नगरपालिका उपाध्यक्ष नरपत सिंह, युवा नेता महेश यादव, प्रागपुरा मंडल अध्यक्ष विकास सिंह, धूड़सिंह शेखावत, मालिराम बाडिगर, कमल यादव, बद्री प्रसाद चौहान, भूरीभड़ाज प्रशासक कैलाश चंद स्वामी, योग गुरू पूरणमल यादव, विकास यादव, हरिद्वारी लाल स्वामी, धर्मसिंह भैंसलाना, नागेन्द्र सिंह, बाबूलाल सैनी, पूर्व पंच राजेन्द्र स्वामी, रूपसिंह शेखावत, अनिल शर्मा, पंकज यादव, बृजपाल सिंह और बड़ी संख्या में ग्रामीण व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। जब सेना ने अंतिम सलामी दी, तब पूरा गांव ‘‘जय हिंद! वीर जवान अमर रहे!’’ के नारों से गूंज उठा। हर व्यक्ति की आंखें नम थीं, लेकिन हृदय गर्व से भरा हुआ था। अग्निवीर भीम सिंह की शहादत ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे क्षेत्र को प्रेरणा और गौरव से भर दिया


